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यूपी उपचुनाव: योगी के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती, जानें 50% मतदान किस बात का है संकेत

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को हुए 7 सीटों का उपचुनाव जनता का आदेश योगी के लिए एक झलक होगा कि 2022 में योगी के...
यूपी उपचुनाव: योगी के सामने पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती, जानें 50% मतदान किस बात का है संकेत

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को हुए 7 सीटों का उपचुनाव जनता का आदेश योगी के लिए एक झलक होगा कि 2022 में योगी के पूरे कार्यकाल को किस तरह से देखा जा रहा है। अलग बात है कि कोरोना के संक्रमण काल में इस चुनाव में बहुत सारे तब्दीली और बदलाव नजर आएं सोशल डिस्टेंसिंग ,मास्क इन सबके बीच में चुनाव और मतदान प्रतिशत 51.2 फीसदी रहा जो ठीक इसलिये भी है,करोना काल के बीच डर के भय के इस माहौल में एक तरफ रहा तो दूसरी तरफ जागरूकता का भी माहौल बनाया गया।

ऐसा रहा 7 सीटों पर वोट प्रतिशत
 
यूपी की 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 5 बजे तक 51.22 प्रतिशत मतदान हुआ।
 
• अमरोहा- नौगांव सादात - 57.60%
 
• बुलंदशहर- 49.77% 
 
• फिरोजाबाद- टूंडला - 50.00%
 
• उन्नाव- बांगरमऊ - 49.45%
 
• कानपुर- घाटमपुर -  47.56%
 
• देवरिया- देवरिया - 48.48%
 
• जौनपुर- मल्हनी- 55.60 %
 
मुख्य निर्वाचन अधिकारी की तरफ से उपचुनाव शांति पूर्ण बताया गया।
 
मतदान प्रतिशत बहुत ही मायने होगा जो नतीजों को भी प्रभावित करेगा। ये माना जा रहा है की कोरोना का डर शहर मे ज्यादा रहा वही ग्रमीण इलाके मे भीड कही बेहतर थी 
 
इन सात में से 6 सीटें भाजपा के कब्जे की रही हैं इसलिए प्रतिष्ठा दांव पर बीजेपी की तो है ही है सीएम डिप्टी सीएम और दर्जनों मंत्रियों ने ताकत झोंकी अपने अपने इलाके उनके प्रभाव के इलाकों में जहां से जीत सुनिश्चित हो जाए। पर  वही प्रचार की बात करें तो अखिलेश यादव मायावती और प्रियंका ने कोई रैली नही की अपने दूरियां बनाए रखी। आज के चुनाव खत्म होने पर सब अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे है।
 
आज जब चुनाव खतम हो गया तो देखते है किसका दावा मे है दम 
 
बुलंदशहर - 49.77% 
 
बुलंदशहर की सदर की सीट पर बहुकोडिये चुनाव लेकिन यहां मुख्य मुकाबला भाजपा व बसपा के बीच लग रहा है ,रालोद मजबूती से उपस्थिति दर्ज करा रही है ।जाट मुस्लिम व दलित मतों में विभाजन को अटकलों के बीच मतदान प्रतिशत महत्वपूर्ण है।
यहां पर पौने चार लाख मतदाता में एक तिहाई मुस्लिम  फिर  दलित 11 से 12 % जाट और अन्य लगभग 8 % हैं वही 17 फ़ीसदी सामान्य वर्ग के मतदाताओं में राजपूत और ब्राह्मण हैं 
 
कानपुर - घाटमपुर -  47.56%
 
घाटमपुर मुकाबला होगा कानपुर नगर घाटमपुर सुरक्षित प्रदेश सरकार के मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के कारण चुनाव हो रहा है यहां भाजपा से उपेंद्र नाथ पासवान सपा से पूर्व विधायक इंद्रजीत कोरी ,बसपा से कुलदीप शंखवार और कांग्रेस से कृपा शंकर  उम्मीदवार हैं ।यह मतदाता दलित समाज के सबसे अधिक है।
 
जौनपुर - मल्हनी- 55.60 %
 
मल्हनी जौनपुर जिले की सीट पर अहम सवाल यह है कि जनता सपा नेता पारस नाथ यादव की विरासत उनके बेटे लकी यादव को दे सकती है या नहीं क्योंकि पारसनाथ यादव जौनपुर से एक कद्दावर नेता के रूप में हमेशा जाने जाते रहे और समाजवादी पार्टी में उनका महत्व हमेशा बरकरार रहा है जब जब सरकार बनी वह कैबिनेट स्तर के मंत्री भी होते थे उनकी राजनीतिक विरासत को अहम मुद्दा है ,पारसनाथ यादव के निधन  के कारण चुनाव हो रहा है ।उम्मीदवार  भाजपा ने मनोज सिंह ,बसपा स्व प्रकाश दुबे और कांग्रेस ने राकेश मिश्रा का उम्मीदवार बनाया पूर्व विधायक और पूर्व सांसद धनंजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं ।जिनके आने से चुनाव और दम खम वाला हो गया है।
 
देवरिया - देवरिया - 48.48%
 
देवरिया से माना जा रहा है कि यह भी तय हो जाएगा कि कौन है असली ब्राह्मण, देवरिया सदर सीट पर भाजपा सपा बसपा कांग्रेस ने ब्रहमण ड्रॉ सत्य प्रकाश त्रिपाठी बीजेपी से बसपा से अवध नाथ त्रिपाठी, कांग्रेस से मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी उम्मीदवार हैं  सपा से  पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी । जन्मेजय सिंह के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है उनके बेटे बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं इसके नतीजे में रुझान दिख जाएगा कि ब्राह्मण प्रत्याशी तो है ही हैं पर प्रत्याशियों के साथ जनता ब्राह्मण को लेकर के किस पार्टी के साथ खड़ी हो रही है 
 
अमरोहा - नौगांव सादात - 57.60%
 
नौगांव सादात सीट की बात करते हैं फिर लड़ाई भाजपा और सपा के बीच में मानी जा रही है 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह भाजपा के बीच सीधे मुकाबले के आसार माने जा रहे हैं जबकि बसपा चुनाव को त्रिकोणी  बना रही है। पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के निधन के कारण हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी संगीता चौहान उम्मीदवार बनाया है सपा बसपा से मौलाना जावेद आब्दी और फुरकान अहमद चुनाव लड़ रहे हैं यहां से अधिक तादात मुस्लिम वोटरों की है इसके बाद दलित, जाट, राजपूत, गुर्जर, सैनी और  यादव मतदाता है।
 
उन्नाव - बांगरमऊ - 49.45%
 
बांगरमऊ जहां की पूर्व सांसद ने अभी हाल ही में सपा का दामन थाम लिया वही सीट पर आखिरी वक्त तक गोटिया चले गए । कांग्रेस के पूर्व सांसद सपा में आ गई तो भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की उम्र कैद की सजा के कारण यहां उपचुनाव कराने की नौबत आई पूर्व जिला अध्यक्ष श्रीकांत कटिहार बीजेपी से सपा ने सुरेश पाल को बसपा ने महेश पाल को और कांग्रेस से पूर्व मंत्री गोपीनाथ दीक्षित की बेटी आरती दीक्षित को मैदान में उतारा है।
 
फिरोजाबाद - टूंडला - 50.00%
 
टूंडला की सीट हाथरस और बलिया कांड का असर तो नहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित टूंडला की सीट पर भाजपा से प्रेमपाल धनगर सपा से महाराज सिंह धनगर बसपा से संजीव और कांग्रेस से स्नेह लता उर्फ बबली चौहान मैदान में हैं पिछली बार की तुलना में समीकरण थोड़े बदले हैं लेकिन कांटे की टक्कर के आसार हैं इस सीट पर दलित घटनाओ का असर की झलक दिखाई पड़ सकता है। हाथरस व बलिया कांड ने असर दिखाया तो समीकरण में बदलाव आ सकता है।
 
इन 7 सीटों पर अगर 3 सीटें ऐसी हैं जो रुझान तय कर देंगे 
 
बुलंदशहर मुसलमानों को लेकर के लोक दल सपा समर्थित प्रत्याशी लेकर आया है लेकिन बहन जी के हाल के बयान में जिन्होंने कहा है कि वह सपा को हराने के लिए किसी भी तरफ जा सकते हैं तो यहां बीएसपी के प्रत्याशी का क्या हाल होता है मुसलमान किस तरफ जा रहा है उसका रुझान जरूर पता लग जाएगा। टूंडला में हाल में  दलित महिलाओं और लड़कियों पर जो अपराध हुए हैं उसका एक रुझान यहां नजर आ सकता है ।
 
ब्राह्मण को पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया से लेकर के यहां तक कि राजनीतिक पार्टियों ने भी मुद्दा बनाया कि बीजेपी ब्रहमण की उपेक्षा कर रहा है ।देवरिया में सारी पार्टी के प्रत्याशी ब्राह्मण ही है लेकिन असली पार्टी कौन सी है जो ब्राह्मणों के शुभचिंतक है उसका रुझान यहां से मिलेगा।
 
कुल मिलाकर 7 सीटें योगी के इस सप्ताह के सफरनामा का रुझान होगा और जातियों में जो उत्तर प्रदेश की राजनीति है ऐसी कुछ सीटें हैं जहां से उनका भी रुझान पता लग जाएगा और परिणाम आने के बाद जीत-हार के दावे करने के बाद सभी पार्टियों को मौका होगा कि 2022 में जाने से पहले कुछ अपनी गलतियों को सुधारले और  कुछ अपने को मजबूत कर ले।क्यू की यही आखिरी मौका है 2022को भापने का।

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