उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की एक बलात्कार पीड़िता की मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई, पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उसे आरोपी के एक चाचा और उसके कुछ दोस्तों ने घर घुसकर पेट्रोल डाल जिंदा जला दिया, जो उस पर समझौता करने का दबाव बना रहे थे।
90 फीसदी जली हुई अवस्था को किशोरी को आनन-फानन दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान देर शाम उसकी मौत हो गई। हरकत में आई पुलिस ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर को लाइनहाजिर कर दिया गया है।
पीड़िता के पिता की शिकायत के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि बलात्कार का आरोपी पहले से ही जेल में है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संतोष कुमार सिंह ने कहा, इस मामले को संभालने में कथित लापरवाही के लिए दो पुलिसकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि युवती ने तनाव के कारण मंगलवार सुबह कथित तौर पर खुद को आग लगा लिया था।
एसएसपी ने बताया कि 15 अगस्त को महिला द्वारा दर्ज कराई गई एक शिकायत के अनुसार, उसके साथ एक आदमी ने बलात्कार किया था, जो आम के बगीचे की रखवाली करने के लिए उसके गांव आया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था और जेल में डाल दिया गया था। आरोप है कि रेप के मामले में फैसला करने के लिए आरोपी युवक के परिजन और दोस्त पीड़िता पर बराबर दबाव बना रहे थे, मगर पीड़ित परिवार समझौते को तैयार नहीं था। आरोपी के चाचा संजय और चाची काजल पीड़िता के गांव में ही रहते हैं।
मंगलवार की सुबह लड़की संदिग्ध परिस्थितियों में जली पाई गई। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
एसएसपी ने कहा कि पीड़िता के पिता ने एक लिखित शिकायत दी है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की हत्या की गई है। एसएसपी ने कहा कि उन्होंने लापरवाही के लिए सब इंस्पेक्टर विनायकांत गौतम और कांस्टेबल विक्रांत तोमर को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि जहांगीराबाद पुलिस स्टेशन के प्रभारी विवेक शर्मा और अनूपशहर के पुलिस अधिकारी अतुल कुमार चौबे और इंस्पेक्टर सुभाष सिंह को सक्रिय ड्यूटी से हटा दिया गया है।