उत्तर प्रदेश की महिलाओं और बेटियों को बेहतर सुविधाएं देने और उनकी समस्याओं का तेजी से निराकरण करने के लिए अब वन स्टॉप सेंटर और महिला शक्ति केन्द्र समन्वय के साथ काम करेंगे। ऐसे में योगी सरकार की ओर से प्रदेश की महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, स्वावलंबन और सम्मान के लिए जो संकल्प लिया गया है वो सभी वादे समय सीमा से पहले पूरे हो सकेंगे। वन स्टॉप सेन्टरों का महिलाओं से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के हब के रूप में विकास किया जाएगा। उनको सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए एक ही छत के नीचे समस्त सेवाएं मिलेंगी। महिलाओं और बेटियों को आर्थिक सहायता, रोजगार/स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी समस्त योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए सम्बन्धित विभाग और अधिकारी से समन्वय स्थापित कर काम करेंगे।
महिला कल्याण विभाग की ओर से 100 दिवसों की कार्ययोजना को तैयार किया गया है। जिसके तहत हर 15 दिवसों में ब्लॉक स्तर पर भव्य स्वावलंबन कैम्पों का आयोजन कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना आदि के फार्म भरवाएं और स्वीकृत कराए जाएंगे। इसके साथ ही मानसिक मंदित महिलाओं के लिए गृह की स्थापना की जाएगी। जिसके तहत स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिए लखनऊ में 100-100 बेड की क्षमता के 02 गृहों का संचालन किया जाएगा। जिसकी कुल लागत 4.57 करोड़ है। बता दें कि सामान्य महिलाओं के लिए संचालित विभागीय संस्थाओं में 203 मानसिक मंदित महिलाओं को आश्रय दिया गया है।
महिलाओं को दिया जाएगा कौशल विकास प्रशिक्षण
विभाग की ओर से आने वाले 06 माह की कार्ययोजना को तैयार कर लिया गया है। महिला संरक्षण तथा बाल देखरेख संस्थाओं में निवासित बच्चों व महिलाओं का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। संस्थाओं में आवासित महिलाओं और 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को उनकी अभिरूचि के अनुरूप कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ने हेतु उनकी अभिरूचि की मैपिंग व मैपिंग उपरांत प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही संविदा तथा सेवा प्रदाता के जरिए से भरे जाने वाले पदों में से रिक्त पदों पर कार्मिकों का चयन किया जाएगा। जिसमें मिशन वात्सल्य के तहत कुल 136 रिक्त पद और वन स्टॉप सेंटर के तहत 26 जिलों में कुल 252 रिक्त पदों को भरा जाएगा।