प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक गांव-गांव को स्वच्छ रखने के लिए यह मुहिम छेड़ी गई है। यह अभियान जिला कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी के निर्देश में चलाया जा रहा है। इसी अभियान के चलते के जब वह गाडरवाड़ा गांव पहुंचे तो उन्होंने लोगों को अपने घरों में शौचालय बनाने के लिये प्रेरित किया। इसके अलावा उन्होंने इसके लिए सरकार द्वारा दी जा रही मदद के बारे में भी बताया।
कलेक्टर की इस पहल को गांव वालों का समर्थन मिला और देखते ही देखते घर-घर में शौचालय बन गए। बात यहीं खत्म नहीं हुई, खुले में शौच की परंपरा स्थायी रूप से बंद हो, इसके लिए स्वयं गांववालों ने निगरानी प्रेरक दल और बाल कमांडो की टीम गठित की। यह टीम निरंतर खुले में शौच की बुराइयों के बारे में लोगों को बताते हैं। बाल कमांडो की टीम ने तो खुले में शौच करने वालों की आदत को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इससे गांव की पानी की समस्या का भी समाधान हुआ। कलेक्टर ने तत्काल गांव में नल-जल योजना शुरू कर दी। अब यह गांव निर्मल गांव होने का हकदार बन गया है। इससे उसे विकास के लिए भी अधिक सुविधाएं मिलेंगी। इसे देख आस-पास के गांव वाले भी स्वयं आगे आए हैं।