मणिपुर के उखरुल कस्बे में दो गुटों के बीच झड़प के दौरान भीड़ ने एक पुलिस थाने पर धावा बोल दिया और हथियार लूट लिए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। कस्बे में ‘स्वच्छता अभियान’ के तहत, एक विवादित भूमि की सफाई को लेकर बुधवार को दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए।
हिंसा के दौरान पुलिस थाने पर हमला किया गया।
नगा समुदाय के दो गुटों के बीच झड़प के बाद शहर में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
यहां एक अधिकारी ने बताया, ‘‘उखरूल कस्बे में हिंसा भड़कने के बाद अधिकतर युवाओं की भीड़ ने विनो बाजार स्थित पुलिस थाने पर धावा बोल दिया और सरकारी हथियार लूटकर भाग गए।’’
अनाधिकारिक सूत्रों ने दावा किया है कि एके-47 और इंसास राइफलों को लूटा गया है।
जातीय संघर्ष से ग्रस्त इस राज्य में पहले भी विभिन्न पुलिस थानों से हथियारों की लूट की खबरें आई थीं, लेकिन उन सभी मामलों में आपस में एक दूसरे के विरोधी मेइती या कुकी समुदाय का प्रभुत्व था।
यहां एक सूत्र के अनुसार, नागा बहुल क्षेत्र में किसी पुलिस थाने पर पहली बार हमला किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एल कैलुन ने बुधवार को सभी जिला पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों को ‘‘हाई अलर्ट’’ पर रहने तथा हथियारों और गोला-बारूद की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
भूखंड विवाद मामले में दोनों पक्षों के लोग तांगखुल नगा समुदाय से हैं और वह अलग-अलग गांव के हैं। यह दोनों पक्ष उस भूमि पर अपने अधिकार का दावा करते हैं।
विवाद के बीच तीन मृतकों में से एक मणिपुर राइफल्स का ड्यूटी पर तैनात कर्मी था।
पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल 10 लोगों को इंफाल के एक अस्पताल में रेफर किया गया है, जबकि अन्य का उखरूल जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बल भी जिले में भेजा गया।
मई 2023 से जातीय संघर्षों से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में पिछले महीने की शुरूआत से हिंसा बढ़ गई।
पिछले वर्ष तीन मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।