यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने 12 अगस्त 2025 को कहा कि आगामी अलास्का शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आमंत्रित करना पुतिन की "व्यक्तिगत जीत" है। ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी कि यह बैठक रूस को अंतरराष्ट्रीय मंच पर वैधता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी, जबकि यूक्रेन की उपेक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बैठक से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में और देरी हो सकती है, जिससे उसकी आक्रामकता बढ़ सकती है।
अलास्का में 15 अगस्त को होने वाली यह बैठक 2021 के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच पहली सीधी मुलाकात होगी। ट्रंप ने इसे एक "फील-आउट मीटिंग" बताया था, जिससे यूक्रेन को चिंता है कि यह बैठक रूस के लिए कूटनीतिक सफलता साबित हो सकती है। ज़ेलेंस्की ने इस बैठक में यूक्रेन को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की जा सके।
इस बीच, रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। यूक्रेन ने इन क्षेत्रों से अपनी सेनाओं को हटाने की संभावना को खारिज किया है, क्योंकि इससे रूस को आक्रमण में लाभ मिल सकता है। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि वे डोनबास से अपनी सेनाओं को नहीं हटाएंगे, क्योंकि इससे रूस को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। अमेरिका और यूरोपीय नेताओं ने इस शिखर सम्मेलन में एक स्थायी संघर्ष विराम और रूस द्वारा कब्जे वाले क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी की मांग की है, लेकिन यूक्रेन ने किसी भी क्षेत्रीय समझौते को अस्वीकार किया है जिसमें उसकी संप्रभुता से समझौता होता।
अलास्का का चयन प्रतीकात्मक महत्व रखता है और यह रूस और अमेरिका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और भू-राजनीतिक महत्व को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक रूस के लिए कूटनीतिक पुनर्वास का अवसर हो सकती है, जबकि यूक्रेन के लिए यह अपनी संप्रभुता की रक्षा करने का महत्वपूर्ण समय है।