पांच दिन तक चले रोमांचक मुकाबले के बाद इंग्लैंड ने भारत को तीसरे टेस्ट में 22 रनों से हरा दिया और पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 की अहम बढ़त बना ली। हालांकि हार के बावजूद भारत ने आखिरी दिन जबरदस्त संघर्ष किया, जिसमें ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा की नाबाद अर्धशतकीय पारी और निचले क्रम के बल्लेबाज़ों का साहसिक प्रदर्शन सबसे खास रहा।
भारत को जीत के लिए 193 रन का लक्ष्य मिला था, लेकिन अंतिम दिन की शुरुआत टीम के लिए चुनौतीपूर्ण रही। स्कोर था 112 पर आठ विकेट। ऐसे में एकतरफा जीत की उम्मीद कर रही इंग्लिश टीम को जडेजा और टेलेंडर्स ने करीब तीन घंटे तक रोककर रखा।
रवींद्र जडेजा ने 181 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए। उन्होंने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर 58 रन जोड़े और इंग्लैंड की जीत को लगातार टालते रहे। मैदान पर मौजूद 30 हजार से अधिक दर्शकों ने भी इस जुझारूपन को सराहा। सिराज ने 30 गेंदों का सामना किया जबकि बुमराह ने 54 गेंदें खेलीं।
हालांकि, अंतत: शोएब बसिर की एक तेजी से अंदर आती गेंद सिराज के बल्ले से लगकर स्टंप्स पर जा लगी और भारत की पारी 170 रन पर सिमट गई।
इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच में हर मोर्चे पर योगदान दिया। उन्होंने पहली और दूसरी पारी में कुल 77 रन बनाए और दूसरी पारी में तीन विकेट झटके। जोफ्रा आर्चर, जिन्होंने लंबे समय बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की, उन्होंने भी अहम मौकों पर विकेट लेकर दबाव बनाए रखा। स्टोक्स को ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने मैच के बाद जडेजा की प्रशंसा करते हुए कहा, “वह इस टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से हैं। उन्हें कोई मैसेज देने की जरूरत नहीं।"
इस मुकाबले में हर दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिला। पहली पारी में दोनों टीमें 387 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 192 रन बनाए और भारत के सामने 193 रन का लक्ष्य रखा।
हालांकि लक्ष्य छोटा था, लेकिन इंग्लैंड के गेंदबाजों ने सटीक लाइन और लेंथ से भारतीय बल्लेबाज़ों को बांधे रखा। दूसरी पारी में भारत परेशानी में था लेकिन निचले क्रम ने उम्मीदें जगाईं। बता दें कि श्रृंखला का चौथा टेस्ट 23 जुलाई से मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेला जाएगा, जहां भारत वापसी की कोशिश करेगा।