के. के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित व्यास सम्मान क्षमा पुस्तक के लिए डॉ. सुनीता जैन को दिया जाएगा। सम्मान स्वरूप ढाई लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है। फाउंडेशन ने सन 2015 के लिए डॉक्टर सुनीता जैन की इस पुस्तक का चयन किया है। तेरह जुलाई, 1941 को हरियाणा के अंबाला में जन्मीं जैन की करीब 100 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमें, ए गर्ल ऑफ हर एज, बोज्यू, सफर के साथी, हेरवा, रंग-रति, जाने लड़की पगली, सौ टंच माल, दूसरे दिन, प्रेम में स्त्री आदि प्रमुख हैं।
यह पुरस्कार सृजनात्मक साहित्यिक रचनाओं, भाषा का इतिहास, आलोचना, निबंध और ललित निबंध, जीवनी आदि विधाओं में दिया जाता है। पुरस्कार की शुरआत वर्ष 1991 में हुई थी और अब तक श्रीलाल शुक्ल, गिरिराज किशोर, चित्रा मुद्गल, परमानंद श्रीवास्तव, धर्मवीर भारती और केदारनाथ सिंह जैसे नामचीन लेखकों को इससे सम्मानित किया जा चुका है। चयन समिति हर वर्ष इस सम्मान के लिए एक कृति का चुनाव करती है।
जैन के काव्य संग्रह क्षमा में तुलसीदास और रत्नावली की कथा को अनूठी शैली में प्रस्तुत किया गया है। हिंदी और अंग्रेजी में समान अधिकार रखने वाली जैन को पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है। सुश्री जैन ने स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वह आईआईटी दिल्ली में मानविकी तथा सामाजिक विज्ञान विभाग की अध्यक्षा रह चुकी हैं और साल 2002 में अंग्रेजी के प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुईं।