कृषि में कई कीर्तिमान स्थापित कर चुके हरियाणा में भी आज किसान घटती आमदनी से हलकान हैं। ऐसे दौर में 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करने वाली सरकार क्या कदम उठा रही है, राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल से हरीश मानव ने बातचीत की। प्रमुख अंश:
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार क्या कर रही है?
गेहूं और धान जैसे परंपरागत फसली चक्र से हटकर किसानों को बागवानी, पोल्ट्री, फिशरीज और डेयरी फार्मिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। किसानों को फल-सब्जियों के सही दाम मिलें, इसके लिए सोनीपत के गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय टर्मिनस स्थापित किया जा रहा है। इसमें फिश मार्केट भी स्थापित करने की योजना है। देश-विदेश में यहां से फलों, सब्जियों और मछली की आपूर्ति हो सकेगी। भावान्तर भरपाई योजना में सब्जियों और फलों की दस फसलें शामिल की गई हैं। पहले यह आलू, प्याज, टमाटर और गोभी के लिए लागू थी, अब गाजर, शिमला मिर्च, बैंगन, अमरूद और किन्नू को शामिल किया गया है। फसलों की ऑनलाइन खरीद-बिक्री के लिए 54 मंडियों में ई-नाम लागू किया गया है। इन मंडियों में फसलों की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशालाएं भी बनाई गई हैं।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिलता। कैसे आश्वस्त करेंगे कि किसानों को पैदावार के सही दाम मिलें?
फसल खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल लांच किया गया है। इस पर किसान अपनी फसल का विवरण ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं। इससे फसलों की खरीद हो सकेगी। किसानों को मंडियों में उपज लाने के लिए हरियाणा कृषि मार्केटिंग बोर्ड ने कृषक उपहार योजना शुरू की है।
सरकार में साझीदार जननायक जनता पार्टी ने किसान कर्जमाफी का वादा किया था, पर भाजपा के एजेंडे में यह नहीं है। कर्जमाफी की कोई योजना है?
दोनों दल साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं। सहकारी बैंकों के फसली ऋणों के लिए एकमुश्त निपटान स्कीम लागू की गई। इसके तहत उन किसानों को दोबारा कर्ज मिल सकेगा, जिनके खाते एनपीए हो चुके हैं। तीन लाख 33 हजार 420 किसानों के 859 करोड़ रुपये के ब्याज माफ किए गए हैं।
राज्य में गिरता भूजल स्तर कृषि के लिए संकट का संकेत है। इस दिशा में सरकार क्या कर रही है?
डार्क जोन वाले 36 ब्लॉकों में भू-जल सुधार के लिए अटल भूजल योजना शुरू की गई है। इसके तहत केंद्र सरकार 712 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी, जिसमें 150 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। प्रदेश में ट्रीटेड वेस्ट वाटर पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया गया है। उपचारित जल का बागवानी और अन्य कार्यों में पुन: उपयोग हो सकेगा। केंद्र ने हल्की सिंचाई के 1,200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए हैं।
छह वर्ष पूर्व कांग्रेस की सरकार के समय कई प्रमुख हाइवे पर बड़े-बड़े एग्री-मॉल बनाए गए थे, जो अभी शुरू नहीं हो पाए हैं। इन्हें शुरू करने की कोई योजना है?
प्राइम लोकेशन पर बनाए गए इन एग्री-मॉल को सरकार बेचने की तैयारी में है। महज कृषि उपजों के दम पर ही ये मॉल तो नहीं चलाए जा सकते, कुछ और करना होगा।