यादव आउटलुक से विशेष बातचीत में कहते हैं कि कार्यकर्ताओं का भरोसा टूट गया है इसलिए पार्टी इस स्थिति में पहुंची है। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार की क्या वजह है?
इस परिणाम से जाहिर होता है कि कार्यकर्ताओं का भरोसा पूरी तरह से टूट गया है। इसलिए पार्टी की इतनी दुर्गति हुई है।
पंद्रह सालों तक दिल्ली में कांग्रेस का शासन रहा, विधानसभा चुनाव में खाता न खुलना किस बात की ओर इशारा कर रहा है?
कारण साफ है कि दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष को विधानसभा चुनाव नहीं लड़वाने से कार्यकर्ता पूरी तरह से निराश हो गए। अगर आप दिल्ली में नेतृत्व नहीं देंगे तो कार्यकर्ता किसके साथ खड़ा होगा।
लेकिन पार्टी ने अजय माकन को चुनाव प्रचार की कमान दी थी?
बात सही है लेकिन अरविन्दर सिंह लवली की क्या भूमिका रह गई। माकन जी केंद्रीय राजनीति में सक्रिय थे उनकी भूमिका वहां होनी चाहिए थी। लवली जी को दिल्ली की जिम्मेदारी देकर चुनाव लड़वाना चाहिए था।
तो क्या इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार है?
केंद्रीय नेतृत्व ने जिसे जिम्मेदारी दी और जिसने जिम्मेदारी ली, वह सबसे बड़ा जिम्मेदार है।
क्या आपको लगता है कि कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो गई है?
ऐसा नहीं मानता। आज कांग्रेस गांवों में दिखाई पड़ रही है। जो कार्यकर्ता नाराज थे वह कांग्रेस के साथ जुड़ रहे हैं। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि कांग्रेस पूरी तरह से खत्म हो गई है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को पुनः विचार करना होगा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए और जिम्मेदारी दी जाए।