. फिट रहने के लिए सबसे पहले समझना होगा कि यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। कोई भी एक दिन 10 किलोमीटर दौड़ कर फिट नहीं रह सकता। फिट रहने के लिए सबसे पहले एक नियमित दिनचर्या बनाना जरूरी है और मौसम के साथ इसमें बदलाव जरूरी है।
. मई में सूखी गर्मी पड़ती है जबकि जून आते-आते मौसम में आद्रता बढ़ जाती है। इस मौसम में पसीना ज्यादा निकलता है और यदि आप सुबह की सैर पर जाते हैं या दौड़ते हैं तो जरूरी है कि शरीर में पानी की कमी न हो।
. इस मौसम में थकावट, उनींदापन ज्यादा हावी रहता है। मौसम की वजह से शरीर की चयापचय क्रिया धीमी पड़ जाती है सो खाना खाने के बाद नींद हावी होने लगती है। सुबह यदि जल्दी उठ कर दौड़ने या सैर पर जाते हैं तो कोशिश करें कि नाश्ते के बाद एक झपकी ले लें ताकि दिन भर उनींदापन न लगे।
. लौकी, तोरी, कद्दू वैसे तो बोरिंग सब्जियां हैं पर मजबूरी यह है कि ये सब्जियां शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इसलिए भले ही नाक-भौं सिकोड़ कर खाएं लेकिन खाएं जरूर।
. सलाद में खीरा, खरबूज, तरबूज जरूर खाएं।
. नमक की मात्रा कम रखें और सुबह सैर पर जाते वक्त भी साथ में पानी की बोतल रखें। आपको भले ही महसूस हो कि सुबह गर्मी नहीं होती मगर धूप न होने के बावजूद गर्मी का शरीर पर असर रहता है।
. घर में धूल न आए इसका खयाल रखें। यदि धूल आए तो नियमित रूप से साफ करें ताकि एलर्जी न हो। गर्मियों में सांस नली में धूल जाने से गले की खराश और कफ की शिकायत जल्दी होती है।
. स्विमिंग पूल जा रहे हैं तो सावधानी रखें। शरीर पर पूल लोशन, सिर पर कैप, आंखों पर चश्मा और कान में रुई लगा लें।
. इस मौसम में जानवरों से दूर रहें।
. सर्दियों में घर से थोड़ी देर भी बाहर रहना अखरता है, जबकि गर्मियों में ऐसा नहीं होता। सुबह का मौसम सुहावना लग रहा हो तो यह सोच कर अपनी क्षमता से ज्यादा व्यायाम न करें।