भारत में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए बुधवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत में इजाजत दे दी है। रूस में बनी स्पुतनिक लाइट सिंगल डोज कोविड-19 वैक्सीन है। भारत में फिलहाल में जितनी भी वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है सभी डबल डोज वाली है। स्पुतनिक लाइट का ट्रायल पूरा होते ही इस वैक्सीन का भारत में उपयोग शुरू हो जाएगा। जाहिर है इससे भारत के पास कोरोना से लड़ने के लिये एक और हथियार मिल जाएगा।
बता दें कि यह सिंगल डोज वैक्सीन है जिसके बाद दूसरे डोज की जरूरत नहीं होगी। भारत में अभी जितनी भी वैक्सीन लगाई जा रही हैं उनकी दो डोज लगवानी पड़ती है।
रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए कोरोना के लिए बनी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने सिफारिश की थी। इतना ही नहीं कमेटी ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए भी सिफारिश भेजी थी, जिसे यह कहते हुए खारिज किया गया था कि वैक्सीन का अभी तक भारत में ट्रायल नहीं हुआ है। कंपनी का कहना है कि स्पुतनिक लाइट में वही कंपोनेंट प्रयोग किए गए हैं, जो स्पुतनिक-वी में हैं।
मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के बाद यह मंजूरी दी गई है। इस अध्ययन में पाया गया है कि स्पुतनिक लाइट ने कोविड-19 के खिलाफ 78.6 से 83.7 फीसद की प्रभावकारिता दिखाई है। यह दो डोज वाले अधिकांश टीकों की तुलना में काफी अधिक है। इस साल जुलाई में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति ने स्पुतनिक-लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद औषधि नियामक (डीसीजीआई) ने भी स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। यही नहीं देश में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की आवश्यकता को भी खारिज कर दिया गया था। उस समय विशेषज्ञ समिति ने कहा था कि स्पुतनिक लाइट के घटक भी स्पुतनिक-वी के समान है। अब स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी मिलने से कोरोना के खिलाफ एक और हथियार के मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
इस बीच रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने कहा है कि दो डोज वाली रूसी स्पुतनिक-वी वैक्सीन ने बेलारूस में कोरोना के खिलाफ 97.2 फीसद प्रभावकारिता दिखाई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, जारी बयान में कहा गया है कि जनवरी और जुलाई 2021 के बीच टीकाकरण के 860,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों के आधार पर स्पुतनिक-वी की यह प्रभावशीलता मापी गई। जारी बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े भी स्पुतनिक-वी की उच्च सुरक्षा की तस्दीक करते हैं।