स्वस्थ जीवन जीने के लिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। इसके बढ़ने से शरीर कई बीमारियों से घिर जाता है। अब इस संबंध में किए गए एक नवीन अध्ययन में एक और चिंताजनक बात सामने आई है। अमेरिका में वयस्कों पर किए गए इस अध्ययन में बताया गया है कि अगर 20-30 वर्ष की उम्र के आसपास वजन बढ़ता है तो इससे जल्द मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने इस आयु में वजन को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है।
बीएमजे नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन ने बताया
बीएमजे नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह भी बताया गया है कि अधेड़ उम्र से बुढ़ापे की अवस्था के दौरान वजन कम होने से भी मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। चीन की हाउझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में वयस्कों के जीवन में संतुलित वजन के महत्व को बताया गया है।
नियंत्रित वजन, लंबा जीवन
शोधकर्ताओं का कहना है कि वयस्कों में मोटापा समय से पूर्व मृत्यु के बढ़ते जोखिम से संबंधित है। यदि आप अपने वजन को नियंत्रित करने में सफल हो जाते हैं तो जल्द मृत्यु का जोखिम खुद ब खुद कम हो जाता है। हालांकि, वयस्क उम्र के दौरान खासकर युवावस्था से अधेड़ उम्र के पहले की अवस्था के दौरान वजन में बदलाव के लंबे समय तक असर के बारे में बहुत कम जानकारी है।
चीन की यूनिवर्सिटी ने किया अध्ययन
चीन की यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन अमेरिकी वयस्कों के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर किया है। 1988-94 और 1999-2014 के दौरान के यूएस नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एक्जामिनेशन सर्वे (एनएचएएनईएस) के आंकड़ों को इस अध्ययन में शामिल किया गया है। एनएचएएनईएस राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि वार्षिक सर्वेक्षण है, जिसमें अमेरिकी नागरिकों के स्वास्थ्य का अनुमान लगाने के लिए उनके साक्षात्कार, शारीरिक परीक्षण एवं खून के नमूने शामिल होते हैं।
इन आंकड़ो के आधार पर किया गया अध्ययन
शोधकर्ताओं द्वारा एकत्र आंकड़ों में 36,051 लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां एकत्र थी। इनमें 40 वर्ष की आयु में उनका वजन और ऊंचाई शामिल थी, वहीं 25 वर्ष के करीब उनकी इन्हीं जानकारियों से तुलना की गई। किसी भी कारण से और विशेष रूप से दिल की बीमारियों से होने वाली मौतें औसतन 12 साल तक दर्ज की गई। उस दौरान 10,500 मौतें हुई थी। जब शोधकर्ताओं ने इन मृत्यु के कारणों की जांच की तो पता चला कि 25 साल की उम्र के करीब इन लोगों के वजन में वृद्धि हुई थी, जिसके चलते वे जल्द मृत्यु के खतरे के दायरे में आ गए थे।