हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को बताया कि भगवत गीता कोई पूजा पद्धति नहीं है बल्कि जीवन जीने की राह है और यह किसी एक धर्म तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, देश और दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली हस्तियों ने गीता के महत्व को रेखांकित किया है। ऐसे में यह महोत्सव राष्ट्रीय एकता का माध्यम बने यह हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में 6 से 10 दिसंबर तक कुरूक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाया जा रहा है जिस पर करीब 12 करोड़ रूपये खर्च आने का अनुमान है। खट्टर ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य आकर्षण गीता पर एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी होगी जिसमें भारत और विदेशों से संत, मुनि, विद्वान, कलाकार, शिल्पकार और अन्य लोग भाग लेंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी छह दिसंबर को इसका उद्घाटन करेंगे। साथ ही कृष्णा सर्किट का भी शिलान्यास करेंगे जो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा कुरूक्षेत्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि गीता के 700 श्लोकों में से 574 श्लोक भगवान कृष्ण के मुखारविंद से निकले थे। इसलिए देशभर के 574 जिलों में से एक-एक युवा का श्लोक के प्रतिनिधि के रूप में चयन किया गया है। ये युवा अपने-अपने जिले से कुरूक्षेत्र तक की यात्रा में संस्कृति, हिन्दी, अंग्रेजी एवं प्रांतीय भाषा में अपने पारंपरिक परिधान पर लिखे श्लोक को प्रचारित करेंगे। सभी युवा छह दिसंबर को कुरूक्षेत्र पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि ये युवा अपने अपने जिले की मिट्टी लेकर आएंगे जिससे भगवान कृष्ण की प्रतिमा बनाई जाएगी जो राष्ट्र की एकता और अखंडता का प्रतीक होगी। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी द्रौपदी चरित्र पर नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। खट्टर ने कहा कि सात दिसंबर को 18 हजार विद्यार्थी एक साथ अष्ठादश श्लोकी गीता का उच्चारण करेंगे। यह अपने आप में विश्व रिकार्ड होगा औार इसे गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 10 दिसंबर को ब्रम्ह सरोवर में वैश्विक संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।