कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निर्वाचन आयोग पर रविवार को ‘‘अहम जानकारी छिपाने’’ का आरोप लगाया और दावा किया कि यह कथित ‘वोट चोरी’ के पीछे के लोगों को प्रभावी ढंग से बचा रहा है।
खड़गे ने ‘एक्स’ पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया था कि 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले फॉर्म सात में जालसाजी कर मतदाताओं को हटाने के प्रयास से संबंधित मामला ठंडा पड़ गया है क्योंकि निर्वाचन आयोग ने अब तक आरोपियों को पकड़ने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण आंकड़े साझा नहीं किये हैं।
निर्वाचन आयोग ने फिलहाल इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन उसने अतीत में कांग्रेस के ऐसे सभी दावों को निराधार बताया था।
खड़गे ने प्रश्न किया, ‘‘ क्या निर्वाचन आयोग (ईसीआई) अब भाजपा का ‘वोट चोरी’ का अड्डा बन गया है?’’ उन्होंने कहा,‘‘ इस घटनाक्रम को समझिए। मई 2023 के कर्नाटक चुनावों से पहले कांग्रेस ने अलंद निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने का खुलासा किया था। फॉर्म सात में जालसाजी कर एक बेहद जटिल प्रक्रिया के जरिए हजारों मतदाताओं के अधिकार छीन लिए गए।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘फरवरी 2023 में एक मामला दर्ज किया गया। जांच में 5,994 जाली आवेदन सामने आए जो मतदाता धोखाधड़ी के बड़े पैमाने पर प्रयास का स्पष्ट प्रमाण था। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए सीआईडी जांच का आदेश दिया।’’
खड़गे ने कहा, ‘‘ लेकिन दिक्कत यहां है: जहां आयोग ने पहले जालसाजी का पता लगाने के लिए जरूरी दस्तावेजों का एक हिस्सा साझा किया था, वहीं अब उसने महत्वपूर्ण जानकारी छिपा ली है और ‘वोट चोरी’ के पीछे के लोगों को प्रभावी ढंग से बचा रहा है!’’ उन्होंने पूछा कि निर्वाचन आयोग ने अचानक महत्वपूर्ण सबूतों को क्यों छिपाया?
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ आयोग किसे बचा रहा है? भाजपा के ‘वोट चोरी’ विभाग को? क्या आयोग भाजपा के दबाव में आ रहा है ताकि सीआईडी जांच को पटरी से उतारा जा सके?’’ खड़गे ने कहा कि व्यक्ति के वोट देने के अधिकार और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की जानी चाहिए।