दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान दंगा करने, चोरी करने और घर में आग लगाने के आरोपी 11 लोगों को बरी कर दिया है। ये दंगे नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के समर्थकों और कानून के विरोधियों के बीच हिंसा के बाद भड़के थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि पुलिस गोकलपुरी निवासी नौशाद की शिकायत के आधार पर दर्ज मामले में आरोपों को सभी उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रही। बरी किए गए लोगों में सुमित, अंकित चौधरी, आशीष कुमार, सौरव कौशिक, भूपेंद्र, शक्ति सिंह, पप्पू, विजय, सचिन कुमार, योगेश और राहुल शामिल हैं।
न्यायाधीश ने 4 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा, "मेरी चर्चा, टिप्पणियों और निष्कर्षों के मद्देनजर, मुझे लगता है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप सभी उचित संदेहों से परे साबित नहीं हुए हैं और वे सभी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।"
नौशाद ने आरोप लगाया था कि 25 फरवरी, 2020 की रात करीब 10 बजे आरोपी व्यक्ति गोकलपुरी स्थित उसके घर में जबरन घुस आए, लूटपाट की और आग लगा दी। 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और लगभग 200 लोग घायल हो गए।