प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी की समूह कंपनियों के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत उनसे जुड़ी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत संपत्तियों को कुर्क करने के लिए चार अनंतिम आदेश जारी किए हैं। इन संपत्तियों में 66 वर्षीय अंबानी का मुंबई के पाली हिल स्थित में घर और उनके समूह की कंपनियों की अन्य आवासीय एवं वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल हैं।
दिल्ली में महाराजा रणजीत सिंह मार्ग पर रिलायंस सेंटर का एक भूखंड और राष्ट्रीय राजधानी, नोएडा, गाजियाबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे, हैदराबाद, चेन्नई और पूर्वी गोदावरी में कई अन्य संपत्तियां भी कुर्क की गई हैं। सूत्रों के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों का कुल मूल्य 3,084 करोड़ रुपये है।
यह मामला रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) द्वारा जुटाए गए सार्वजनिक धन की कथित हेराफेरी और धनशोधन से संबंधित है।
यस बैंक ने 2017 से 2019 के दौरान आरएचएफएल में 2,965 करोड़ रुपये और आरसीएफएल में 2,045 करोड़ रुपये का निवेश किया।
ईडी के अनुसार, दिसंबर 2019 तक ये निवेश ‘‘गैर-निष्पादित’’ निवेश में बदल गए, जिसमें आरएचएफएल पर 1,353.50 करोड़ रुपये और आरसीएफएल पर 1,984 करोड़ रुपये बकाया थे।
अंबानी के खिलाफ कार्रवाई कथित वित्तीय अनियमितताओं और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर सहित समूह की कई कंपनियों द्वारा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण को निर्धारित मद के बजाय किसी और जगह खर्च करने से संबंधित है।
ईडी ने इस मामले में अगस्त में उद्योगपति से पूछताछ की थी। यह पूछताछ 24 जुलाई को मुंबई में एजेंसी द्वारा 50 कंपनियों और उनके व्यावसायिक समूह के अधिकारियों समेत 25 लोगों के 35 परिसरों की तलाशी के बाद की गई थी।
निदेशालय का यह धनशोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण (सीबीआई) ब्यूरो की एक प्राथमिकी से संबंधित है।