पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को देश की पहली राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पेश की है। इसमें इमरान खान सरकार ने भारत के साथ अच्छे रिश्ते की उम्मीद जताई है। साथ ही जम्मू-कश्मीर को द्विपक्षीय संबंधों में कोर मुद्दा बताया गया है। सुरक्षा नीति में पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि हिंदुत्व आधारित राजनीति पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए चिंता का सबब है और प्रभाव डाल रही है।
सुरक्षा नीति में पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण समाधान होने तक यह हमारे द्विपक्षीय रिश्तों का आधार बना रहेगा। इसमें चीन के साथ अच्छे रिश्ते करने पर भी जोर दिया गया है। उसने चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर को पाकिस्तान के लिए राष्ट्रीय महत्व का प्रॉजेक्ट बताया है।
जिसे नागरिक केंद्रित फ्रेमवर्क पर तैयार किया गया है और सैन्य ताकत पर केंद्रित एक आयामी सुरक्षा नीति के बजाय इसमें आर्थिक सुरक्षा को केंद्र में रखा गया है। पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति और मंत्रिमंडल से अनुमोदित सुरक्षा नीति के सार्वजनिक संस्करण जारी करते हुए इमरान ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में नाकाम रहीं।
भारत के दोस्त रूस के साथ भी इमरान खान सरकार अच्छे रिश्ते बनाना चाहती है। पाकिस्तान ने कहा कि अमेरिका के साथ उसका सहयोग का लंबा इतिहास रहा है। पाकिस्तान किसी खेमे की राजनीति का हिस्सा नहीं बनना चाहता है। पाकिस्तान अमेरिका के साथ व्यापक रिश्ते बनाना चाहता है। 100 पन्ने की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भारत के साथ व्यापार और बिजनस को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पाकिस्तान ने साल 2022 से 2026 तक के लिए बनाई है। इसमें भारत और अन्य पड़ोसी देशों के साथ दोतरफा व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। साथ ही पाकिस्तान की आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।