टोक्यो ओलंपिक में आज का दिन भारतीय दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण था। भारत के खाते में आज तीन मेडल आ सकते थे। लेकिन अदिति अशोक केवल एक शॉट के अंतर से मेडल से चूक गईं। हालांकि अदिति ओलंपिक में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली गोल्फर बन गई हैं। वहीं गोल्फ का गोल्ड मेडल अमेरिका ने जीत लिया है। वहीं, अब पदक के लिए नीरज चोपड़ा और बंजरग पूनिया पर देश की निगाहें टिकी हैं। इससे पहले शुक्रवार को भारत को दो दिल तोड़ने वाली हार मिली। महिला टीम कांस्य पदक से चूक गई। पहलवान बजरंग पूनिया भी सेमीफाइनल में हार गए। मेडल की दौड़ में अदिति अशोक के चूकने के बाद अब नीरज चोपड़ा और बजरंग पूनिया पर देश की आखिरी उम्मीद टिकी हुई है।
भारत के भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा आज स्वर्ण पदक जीत सकते हैं। वह पुरुष जेवेलिन थ्रो के फाइनल में अपनी चुनौती पेश करेंगे। जबकि बजरंग पूनिया कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक में भारतीय अभियान को समाप्त करना चाहेंगे।
नीरज चोपड़ा की नजरें गोल्ड जीतने पर
स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की नजरें गोल्ड मेडल जीतने पर होगी। नीरज ने क्वालिफिकेशन राउंड की पहली ही कोशिश में 86.65 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालीफाई कर भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थी। 23 वर्षीय नीरज ने जर्मनी के जोहानेस वेटेर को पीछे छोड़ा था जो स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। जोहानेस ने भी हालांकि, 85.64 मीटर का थ्रो कर ऑटोमेटिक क्वालीफिकेशन हासिल किया था। नीरज इस सीजन में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके नाम 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है, जिसे उन्होंने मार्च में इंडियन ग्रां प्री में हासिल किया था। बाद में फेडरेशन कप में 87.80 मीटर थ्रो के साथ एक और सराहनीय प्रदर्शन किया था।
बजरंग पूनिया से ब्रॉन्ज की उम्मीद
इस ओलिंपिक में गोल्ड की सबसे बड़ी उम्मीद में से एक बजरंग, लेकिन उनसे स्वर्ण पदक लाने का सपना टूट गया। हालांकि उनके पास अभी भी कांस्य पदक लाने का अवसर है। बजरंग और उनके प्रतिद्वंद्वी हाजी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं मिले हैं, लेकिन दोनों के बीच एकमात्र मुलाकात 2019 प्रो रेसलिंग लीग में हुई थी। पूनिया ने हाजी को 8-6 से हराकर अपनी टीम पंजाब रॉयल्स को एमपी योद्धा के खिलाफ जीत दिलाई थी। इससे पहले, क्वार्टर फाइनल मैच में बजरंग ने ईरान के मुतर्जा घियासी चेका को 2-1 से हराया। टोक्यो में भारत के लिए पदक के दावेदार बजरंग को विक्ट्री बाई फॉल के आधार पर जीत मिली।