ओटीटी माध्यम इन दिनों नई और अलग कहानियों से भरा हुआ है। रोज ही नए तरह का कॉन्टेंट दर्शकों के सामने आ रहा है। इस माहौल में नए फिल्मकारों को अवसर मिल रहे हैं। दुष्यंत कपूर ऐसे ही एक फिल्मकार हैं, जिनकी वेब सीरीज पहला चक्रव्यूह - छलावा डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज हुई है और जिसे दर्शकों द्वारा पसन्द किया जा रहा है। दुष्यंत कपूर से उनके करियर के बारे में आउटलुक हिन्दी से मनीष पाण्डेय ने बातचीत की।
मुख्य इंटरव्यू से संपादित अंश
पहला चक्रव्यूह - छलावा बनाकर क्या कहना चाहते थे?
मेरा मुख्य उद्देश्य था दर्शकों का मनोरंजन। जब मुझे एक रोचक कहानी मिली तो मेरे भीतर विचार पैदा हुआ कि इसे सिनेमा के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाना चाहिए। इस कहानी को वेब सीरीज का रुप दिया और डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज किया। दर्शकों ने इसे बहुत पसंद किया है। दर्शकों की प्रतिक्रिया से मैं अभिभूत हूं। जब एक कहानी, जिस पर आपको यकीन होता है, वह दर्शकों तक पहुंचती है और पसन्द की जाती है तो बड़ी खुशी होती है। मैं दर्शकों से रिस्पॉन्स से प्रसन्न हूं।
ओटीटी प्लेटफॉर्म के कारण आप जैसे नए फिल्मकारों को किस तरह के फायदे मिल रहे हैं?
ओटीटी प्लेटफॉर्म के कारण फिल्मकारों और अन्य कलाकारों के पास काम की कमी नहीं है। दर्शक अच्छे कॉन्टेंट को देखना चाहते हैं। डिमांड है अब कॉन्टेंट की। ऐसे में फिल्मकारों के पास मौका है खुद को साबित करने का। यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म न होते तो मुझे अपनी वेब सीरीज को रिलीज करने और दर्शकों तक पहुंचाने में बड़ा संघर्ष करना पड़ता। सिनेमाघरों में बड़े प्रोडक्शन हाउस को ही स्क्रीन्स मिलती हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म आने के बाद यह स्क्रीन्स वाला एकाधिकार समाप्त हो गया है। नए फिल्मकारों को मंच और दर्शक दोनों मिल रहे हैं।
आप फिल्म निर्माण के क्षेत्र में किस उद्देश्य से आए?
मेरी कहानी बहुत रोचक है। मैं बचपन से गायक बनना चाहता था। मुझे जस्टिन बीबर पसन्द थे। मुझे उन्हीं की तरह बनना था। मगर कई कोशिशों के बाद भी मुझे सिंगिंग के क्षेत्र में वैसी कामयाबी नहीं मिली, जैसी मैंने चाही थी। कई सिंगिंग रियलिटी शोज से मैं रिजेक्ट हुआ। उन्हीं दिनों मैंने शक्तिमान का फैन मेड विडियो बनाया, जो बहुत अधिक लोकप्रिय हुआ। मुझे महत्व मिला। तब मैंने सिंगिंग की जगह फिल्म निर्माण को समय दिया। मैंने फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखी। मुझे सुपरहीरो फिल्में बहुत आकर्षित करती थीं। मैं सुपरहीरो फिल्में ही बनाना चाहता था। मैंने काम शुरु किया और धीरे धीरे अपनी फिल्में बनाने लगा। अपनी फिल्में बनानी शुरू की तो उनमें गाने भी गाए। इस तरह सिंगिंग का शौक भी पूरा होता रहा।
असफलता और निराशा से कैसे निपटते हैं ?
मैं कभी भी अपना अतीत नहीं भूलता हूं। हमेशा अपनी जड़ों से जुड़ा रहता हूं। जब भी कमजोर महसूस होता है तो आज तक के अपने सारे विडियोज को देखता हूं। देखकर महसूस होता है कि मैंने कितना शानदार सफर तय किया है। मैं कहां से शुरुआत कर के कहां पहुंच गया हूं। जब यह सोचता हूं तो सकारात्मकता महसूस होती है। इस तरह मैं अधिक देर निराश नहीं रह पाता। मेरा मानना है कि यदि आपने ईमानदारी से काम किया है तो वह आपको जरुर अमर करेगा। आपका समय जरुर आएगा। इसलिए सफलता और असफलता मुझे प्रभावित नहीं करती। मेरा सारा ध्यान काम पर रहता है। मैं जानता हूं कि आज नहीं तो कल लोगों तक बात जरूर पहुंचेगी।