आईपी यूनिवर्सिटी ने दक्षिण-पश्चिम ज़िले के पोचनपुर और अंबरही स्थित दो गावों को गोद लेने का निर्णय लिया है। यूनिवर्सिटी के एक शिष्टमंडल द्वारा उन गावों के दौरे एवं इस अवसर आज आयोजित कार्यकर्मों में इस आशय का फ़ैसला लिया गया।
यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो.( डॉक्टर) महेश वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि विश्वविद्यालय की कुछ सामाजिक ज़िम्मेदारी भी बनती है। उसी का निर्वहन हम कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के शिष्टमंडल ने इन दोनों गावों का बारीकी से मुआयना किया और इनके चतुर्दिक विकास क़ा एक रोडमैप तैयार किया। इन गावों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, प्रशिक्षण, जागरूकता, स्किल डिवेलप्मेंट, स्पोर्ट्स, इत्यादि डोमेन में कैसे बेहतरी लायी जाए, यूनिवर्सिटी की उसमें क्या भूमिका होगी; इसपर पर भी मंथन किया गया।
कुलपति ने कहा कि क्लासरूम की दीवारों के परे ग्रामीण समुदायों की दहलीज़ पर बेहतरी की एक नई ईवारत लिखने के लिए हम सब यहाँ आए हैं। ज्ञातव्य है कि यूनिवर्सिटी ने इससे पहले अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में इसी छेत्र के पच्चीस गावों को गोद लिया था। तब से लेकर अब तक उन गावों में स्वास्थ्य, शिक्षा, क़ानूनी जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण, इत्यादि के कई कैम्पेन यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए गए।
इस अवसर पर दक्षिण-पश्चिम ज़िला के उपायुक्त लक्ष्य सिंघल ने एक ‘जन सुनवाई सत्र’को सम्बोधित किया और लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना।उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इस ज़िले में लगभग 200 करोड़ रुपए कि तक़रीबन 170 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इन्होंने ग्रामीणों को जलसंग्रह करने एवं अतिक्रमण न करने की सलाह दी। इससे पूरे गाँव को फ़ायदा होगा।
स्थानीय सांसद कमलजीत सहरावत ने इस अवसर पर गाँवों की बेहतरी की दिशा में सरकार एवं यूनिवर्सिटी द्वारा की जा रही पहल की भूरी- भूरी प्रशंसा की। इस अवसर पर गाँव वालों ने पेय जल, सीवर निकासी, स्ट्रीट लाइट, पक्की सड़के, सफ़ाई, अतिक्रमण, सुरक्षा, इत्यादि समस्याओं पर और ज़्यादा ध्यान देने की गुहार लगाई। इन गाँवों से संबद्ध चौधरी सुरेंद्र सोलंकी एवं चौधरी समय सिंह शहरावत एवं यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉक्टर कमल पाठक की आज के कार्यक्रम को आयोजित करने में बड़ी भूमिका रही।