दिल्ली की एक अदालत ने जेल में बंद मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अपने परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की सोमवार को अनुमति दे दी। विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने राणा को केवल एक बार यह छूट दी।
इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा तहाव्वुर राणा के परिवार से फोन पर बातचीत के दौरान तिहाड़ का वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेगा।
हालांकि इसे पहले 24 अप्रैल को अदालत ने राणा की परिवार से बात करने की याचिका खारिज कर दी। तब पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने एनआइए की दलील सुनने के बाद अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
एनआइए ने राणा की याचिका का विरोध करते हुए दलील दी थी कि उसको अगर अपने परिवार के सदस्यों से बात करने की अनुमति दी गई तो वह महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकता है। एजेंसी ने कहा कि मामला अभी महत्वपूर्ण चरण में है।
वहीं, राणा की ओर से पेश अधिवक्ता ने दलील दी थी कि विदेशी नागरिक होने के नाते ये राणा का मौलिक अधिकार है कि वह अपने परिवार से बात करे, जो उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। कोर्ट से इस इनकार के बाद आतंकी तहव्वुर राणा ने फिर से कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसे परिवार से बात करने की अनुमति दी जाए, जिसके बाद यह फैसला आया है।
मुंबई हमले में गई थी 166 की जान
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। ये आतंकी नाव के सहारे देश की आर्थिक राजधानी पहुंचे थे। हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सुरक्षाबलों ने 4 दिन बाद आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।