दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि हरियाणा एक मई से दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि इसके चलते दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति को तर्कसंगत बनाने सहित कई उपाय लागू करेगी।
आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली में यमुना जल की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई इलाके पानी की कमी से जूझ रहे हैं। उन्होंने लोगों से पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करने की अपील की।
मंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि अगर लोगों ने इस अपील पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में सरकार को पानी के अधिक इस्तेमाल पर चालान काटना पड़ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के इस दावे को कोरा झूठ करार दिया कि हरियाणा ने दिल्ली को पानी की आपूर्ति रोक दी है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली को हरियाणा से नियमित रूप से पानी मिल रहा है। दिल्ली सरकार पानी चोरी रोकने में नाकाम रही है और जल संकट के लिए वह जिम्मेदार है।’’
इससे पहले आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर लगातार हरियाणा से बात कर रही है और अगर अगले कुछ दिनों में इसका समाधान नहीं निकला, तो वह इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती हैं।
आतिशी ने कहा, ‘‘हरियाणा ने दिल्ली के हिस्से का पानी छोड़ना बंद कर दिया है। एक मई को वजीराबाद में जल स्तर 674.5 फुट था। यह औसत स्तर है, जिसे बनाए रखा जाना चाहिए। पिछले साल अप्रैल, मई और जून में न्यूनतम स्तर 674.5 बनाए रखा गया था।’’
आंकड़े साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि आठ मई तक वजीराबाद में जल स्तर 672 फुट रह गया और 20 मई तक यह 671 फुट था तथा मंगलवार को यह और घटकर 669.8 फुट रह गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जो बोरवेल पहले छह से सात घंटे काम करते थे, वे 14 घंटे तक काम कर रहे हैं। हमने पानी के टैंकरों की संख्या भी बढ़ा दी है। आज से, हम उन क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति कम कर रहे हैं, जहां इसकी आपूर्ति दिन में दो बार की जाती है, वहां अब यह दिन में एक बार की जाएगी। जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में तर्कसंगत तरीके से पानी की आपूर्ति की जाएगी।’’
आतिशी ने लोगों से पाइप के जरिए पानी से गाड़ियां न धोने की भी अपील की। उन्होंने कहा,‘‘अगर लोग इस सार्वजनिक अपील पर ध्यान नहीं देंगे, तो हमें पानी के अत्यधिक उपयोग पर चालान काटना पड़ सकता है। पानी का दुरुपयोग बेहद गैर-जिम्मेदाराना है।’’