छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़े अभियानों में से एक में, सुरक्षा कर्मियों ने शुक्रवार को बस्तर क्षेत्र में भीषण मुठभेड़ में 28 नक्सलियों को मार गिराया, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि 'डबल इंजन' सरकार (राज्य और केंद्र में भाजपा सरकार) इस खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने फोन पर पीटीआई को बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा अंतर-जिला सीमा पर अभुजमाड़ में थुलथुली और नेंदुर गांवों के बीच जंगल में दोपहर करीब 1 बजे गोलीबारी शुरू हुई, जब सुरक्षा कर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी।
उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के कर्मी अभियान में शामिल थे। सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ में 28 नक्सली मारे गए। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से 28 शवों के अलावा एके-47 राइफल और एक एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। इससे पहले दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया था कि मुठभेड़ में करीब 30 नक्सली मारे गए हैं।
सीएम साय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 28 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। जवानों को मिली बड़ी सफलता सराहनीय है। मैं उनके साहस और वीरता को सलाम करता हूं।" उन्होंने कहा, "नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी लड़ाई अपने अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगी। हमारी डबल इंजन सरकार इसके लिए दृढ़ संकल्पित है। राज्य से नक्सलवाद को खत्म करना हमारा लक्ष्य है।"
पुलिस ने बताया कि इस ताजा मुठभेड़ के साथ ही दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में इस साल अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 185 नक्सलियों को मार गिराया है। 16 अप्रैल को कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में कुछ उच्च पदस्थ कैडर समेत 29 नक्सली मारे गए। अगस्त में छत्तीसगढ़ के दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भारत मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से मुक्त हो जाएगा और इस खतरे के खिलाफ अंतिम हमला शुरू करने के लिए एक मजबूत और निर्मम रणनीति की आवश्यकता है।