पाकिस्तान में इन दिनों बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा बाढ़ की चपेट में है। पाकिस्तान में इस भीषण सैलाब से अब तक 1,350 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। एनडीएमए (National disaster management authority) के अनुसार 5 करोड़ लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगह विस्थापित हुए हैं। लगभग 10 लाख घर बाढ़ में बह गए हैं, 90% फसल क्षतिग्रस्त हो गया है, वही 9 लाख पशुओं की मौत हो गई है।
पाकिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था, लेकिन इस तबाही ने पाकिस्तान को और कंगाल बना दिया है, एनडीएमए रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अन्य देशों को चेताते हुए कहा है कि अगर पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया गया तो आज पाकिस्तान डूबा है, कल कोई और देश डूबेगा। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से मदद की गुहार लगाई थी, इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के द्वारा पाकिस्तान को विनाशकारी बाढ़ से निपटने के लिए 16 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की गई।
गुटेरेस ने कहा कि इस राशि से 52 लाख लोगों को भोजन, पानी, स्वच्छता,आपतकालीन शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मदद दी जा सकेगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंचेंगे और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे साथ ही देश के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। पाकिस्तान के इतिहास में यानी पिछले 75 सालों में इतनी बारिश कभी नहीं हुई। पाकिस्तान में इससे पहले साल 2010 में सबसे भयानक बाढ़ आई थी लेकिन इस बार की बाढ़ ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
इस तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया था। प्रधान मंत्री मोदी ने ट्विट कर कहा, पाकिस्तान में बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई है, हालात देखकर दुखी हूं। इससे जो परिवार प्रभावित हुए हैं, उनके लिए शोक व्यक्त करता हूं। आशा करता हूं कि हालात जल्द सुधरेंगे और सामान्य स्थिति बहाल होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मदद का ऐलान करते हुए ट्वीट कर कहा, हम कठिन समय में पाकिस्तान के साथ खड़े हैं और बाढ़ पीड़ितों को अपना समर्थन देते हैं। तत्काल राहत के तौर पर 100,000 डॉलर के अलावा अमेरिका ने प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ तैयार रहने के लिए 1 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता देन की घोषणा की है। उन्होनें कहा हम भविष्य में भी जलवायु संकट के प्रभावों को कम करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात ने कार्गो विमानों से पाकिस्तान की सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद पहुंचानी शुरू कर दी है और इस्लामाबाद में तंबू, भोजन और अन्य दैनिक आवश्यकताओं को लेकर इन देशों के विमान उतरे हैं। इन देशों से खास तौर पर पाकिस्तान ने मदद की गुहार लगाई थी और पाकिस्तानी वित्तमंत्री के साथ साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री विलावल भुट्टो ने भी मदद की गुहार लगाई थी।
चीन ने कहा कि वह बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देश की रेड क्रिसेंट सोसाइटी को 3 लाख अमेरिकी डॉलर नकद सहायता के अलावा बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान को आपातकालीन मानवीय आपूर्ति प्रदान करेगा। वहीं भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, हालांकि प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद कयास लगाए जा रहे है कि भारत सरकार मानवीय सहायता के तौर पर पाकिस्तान की मदद करेगा।
पाकिस्तान में इस तबाही का कारण जलवायु परिवर्तन यानी क्लाइमेट चेंज को माना जा रहा है। धरती पर बढ़ते तापमान की वजह से एक तरफ जहां यूरोप पिछले कई वर्षों से सबसे अधिक गर्मी और सूखे का सामना कर रहा है तो चीन भी हीटवेव से परेशान है। दूसरी ओर पाकिस्तान पर क्लाइमेट चेंज का दूसरा असर दिख रहा है,यहां सूखे की जगह बारिश ने तबाही मचा रखी है, बताया जा रहा है कि हीटवेव, जंगल में लगातार लगती आग और ग्लैसियर के पिघलने की वजह से इस बार मॉनसून पाकिस्तान में तबाही मचा रहा है,पाकिस्तान मौसम विभाग का अनुमान है कि सितंबर तक और बारिश हो सकती है, स्थिति और भी खतरनाक होने की आशंका है।