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राजधानी के युवाओं को खामोशी से दबोच रहा है रक्तचाप

आम तौर पर मेट्रो शहरों का जीवन भागदौड़ भरा होता है। लोग अपने मुकाम हासिल करने की वजह से अपने खानपान का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते हैं और जो मिल जाता है वो खा लेते हैं लेकिन लोगों की प्रवृति उन्हें उच्च रक्तचाप का शिकार बना रही है।
राजधानी के युवाओं को खामोशी से दबोच रहा है रक्तचाप

एक नए अध्ययन के मुताबिक, दिल्ली के 25 से 35 वर्ष के जो लोग अक्सर बाहर खाना खाते हैं और ज्यादा शारीरिक कसरत नहीं करते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप की शिकायत देखी गई है लेकिन चिंता की बात यह है कि उन्हें इसके लक्ष्णों के बारे में जानकारी ही नहीं है। 17 मई को विश्व रक्तचाप दिवस पर इंडस हेल्थ प्लस द्वारा जारी किए गए अध्ययन में यह बताया गया है कि खुद को सबसे ज्यादा स्मार्ट समभुाने वाले राजधानी के 22 प्रतिशत लोगों को उच्च रक्तचाप के लक्षणों के बारे में ही जानकारी नहीं है।

 

इस संस्थान ने यह अध्ययन जनवरी 2015 से अप्रैल 2016 तक किया जिसमें 24,642 लोगों के नमूनों की जांच की गई। इनमें 13917 पुरूष और 9228 महिलाएं हैं। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि 20 प्रतिशत से अधिक युवा जंक फूड पर अधिक निर्भर करने लगे हैं, जिसके कारण उनमें मोटापा बढ़ने लगा है जिसका असर उच्च रक्त चाप के रूप में देखने को मिल रहा है। प्रीवेंटिव हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, इंडस हेल्थ प्लस के अमोल नायकवाड़ी ने बताया, उच्च रक्त चाप के मामले महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों (35-40 वर्ष) में अधिक देखने में आए हैं। यह केवल वयस्कों में ही प्रचलित नहीं है बल्कि 20-25 साल के युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। जो लोग आरामतलबी भरी जीवन शैली अपनाते हैं और नहीं के बराबर शारीरिक श्रम करते हैं, उनमें उच्च रक्त चाप का उच्चस्तरीय खतरा रहता है। अगर इसका वक्त पर इलाज नहीं किया जाता तो इससे हृदय रोग, गुर्दे की खराबी और कई अंगों के खराब होने की आशंका हो सकती है। समयबद्ध और नियमित जांच से उच्च रक्तचाप का खतरा कम किया जा सकता है।

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