सबसे पहली वजह तो यही मानी जाती है कि फैसले लेने की क्षमता और विवेक जैसी भावनाएं जो दिमाग के अगले हिस्से से नियंत्रित होती हैं, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में जल्दी विकसित हो जाती हैं। दूसरी बात, मर्द महिलाओं के मुकाबले जोखिम वाले पेशों का रुख करते हैं। तीसरी वजह यह है कि पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले हृदय रोग की आशंका 50 फीसदी ज्यादा होती है। इसका कारण मुख्यतः एस्ट्रोजेन स्तर का कम होना, रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल लेवल का नियमित रूप से जांच नहीं कराना है। चौथी वजह यह है कि पुरुषों की ऊंचाई महिलाओं से अधिक होती है और दुनिया की हर स्पेसिमेन में बड़ी प्रजाति जल्दी मर जाती है। मर्दों की आयु कम होने की पांचवीं बड़ी वजह यह है कि महिलाओं के मुकाबले उनमें आत्महत्या और अवसाद की प्रवृति अधिक देखी जाती है। छठी वजह यह है कि मर्द औरतों के मुकाबले समाज में कम घुलते-मिलते हैं और सातवीं वजह यह है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष किसी बीमारी में डॉक्टर के पास जाने में ज्यादा हिचकते हैं।
इस बारे में डॉक्टरों के अखिल भारतीय संगठन आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एसएस अग्रवाल का कहना है कि मर्दों की रोग प्रतिरोधक क्षमता महिलाओं जितनी सशक्त नहीं होती है। सबसे आम 10 संक्रमणों में से 7 के कारण मर्दों में मृत्यु की दर बेहद अधिक है। खासकर टीबी और यौनिक संक्रमण के कारण। इसे देखते हुए मर्दों को चाहिए कि जब भी विदेश की यात्रा कर रहे हों तो अपने डॉक्टर से नए टीकों के बारे में पूरी जानकारी ले लें। इसी प्रकार हर 10 वर्ष में टिटनस का एक टीका लगवा लेना चाहिए। पोषाहार भी उतना ही जरूरी है। मर्दों में उच्च रक्तचाप की बढ़ती समस्या को देखते हुए तनाव दूर करने के तरीके अपनाना चाहिए।