स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2005 में नेशनल कमीशन आफ मैक्रोइकोनोमिक्स एंड हेल्थ द्वारा उपलब्ध करवाए गए आंकड़ों के अनुसार एक से दो करोड़ लोग सिजोफ्रेनिया और बायपोलर डिसऑर्डर जैसी घातक मानसिक बीमारियों की चपेट में हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा करीब पांच करोड़ लोग अवसाद तथा बेचैनी जैसी सामान्य मानसिक बीमारियों की चपेट में हैं और इस प्रकार करीब 6.5 फीसदी आबादी इन बीमारियों से जूझ रही है। नड्डा ने बताया कि सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस बेंगलूर के जरिये एक राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वे करवाया था। यह सर्वे एक जून 2015 को शुरू किया गया और पांच अप्रैल 2016 को समाप्त हुए सर्वे में 27 हजार लोगों का साक्षात्कार किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित 15 संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता मुहैया करायी है।