कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जारी विरोध प्रदर्शन और हाल में हुए ट्रक मार्च के बाद आपातकाल अधिनियम को लागू कर दिया है। कनाडा की सरकार ने 50 सालों में पहली बार आपातकाल का ऐलान की है। इस कदम के बाद देश में ट्रक चालकों के भारी प्रदर्शन और कनाडा में कोविड प्रतिबंधों के विरुद्ध हो रहे प्रदर्शनों को रोकने के लिए सरकार को और शक्तियां मिल जाएंगी।
सोमवार को पार्लियामेंट हिल पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रूडो ने कहा, 'अब ये स्पष्ट है कि कानून को प्रभावी तरीके से लागू कराने की क्षमता के सामने गंभीर चुनौतियां हैं।'
बता दें कि आपातकाल एक्ट को कनाडा में 1980 के दशक में वार मेजर्स एक्ट के बदले लाया गया था। यह एक्ट जन कल्याण (प्राकृतिक आपदाएं, बीमारी का प्रकोप), सार्वजनिक व्यवस्था (नागरिक अशांति), अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति या युद्ध आपात स्थिति जैसे आपातकालीन हालात से सरकार को निपटने के लिए कई विशेष अधिकार देता है।
वहीं इससे पहले अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पर बना, सबसे व्यस्त पुल लगभग एक हफ्ते तक बंद रहने के बाद रविवार देर रात फिर से खुल गया। कोरोना महामारी संबंधी प्रतिबंधों के विरुद्ध प्रदर्शन के कारण यह पुल बंद कर दिया गया था।
साथ ही पुलिस ने शनिवार को प्रदर्शनकारियों को अपने पिकअप ट्रकों और कारों को वहां से हटाने के लिए मना लिया था जिसके बाद सिर्फ कुछ प्रदर्शनकारी ही वहां उपस्थित थे। प्रदर्शनकारियों ने पुल को अवरुद्ध करने के लिए वहां ट्रकों और कारों को खड़ा कर दिया था। इस पुल के जरिए अमेरिका और कनाडा के बीच लगभग 25 फीसदी व्यापार होता है।विंडसर, ओंटारिया में पुलिस ने पहले कहा था कि कनाडा के कई ऑटोमोटिव संयंत्रों को अमेरिका के डेट्रॉइट शहर से जोड़ने वाले पुल के समीप दो दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया, 7 वाहनों को हटाया गया और 5 वाहन जब्त किए गए।
प्रधानमंत्री ने कनाडा के प्रांतों के नेताओं के साथ वस्तुतः मुलाकात की और दोपहर में राष्ट्र को संबोधित करने की योजना बनाई। हाल के दिनों में, ट्रूडो ने सेना का उपयोग करने के लिए कॉल को खारिज कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि विरोध को समाप्त करने के लिए "सभी विकल्प मेज पर हैं" जिसमें आपातकालीन अधिनियम को लागू करना शामिल है, जो सरकार को आदेश बहाल करने के लिए व्यापक अधिकार देता है।