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ओमिक्रोन सब वेरिएंट बीए.2 : भारत सहित इन देशों में खतरा तेज, जानें कितना घातक

दुनिया भर में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट की मार के बाद अब एक और नया वेरिएंट सामने आया है। हाल ही...
ओमिक्रोन सब वेरिएंट बीए.2 :  भारत सहित इन देशों में खतरा तेज, जानें कितना घातक

दुनिया भर में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वेरिएंट की मार के बाद अब एक और नया वेरिएंट सामने आया है। हाल ही में ओमिक्रोन के नए सब-वैरिएंट बीए.2 ने चिंता बढ़ा दी है। ब्रिटेन में कोहराम मचाने के बाद यह हमारे देश में भी खतरा पैदा कर रहा है। भारत में भी इसके 530 मामले सामने आ चुके हैं। इन सब को देखते हुए बीए.2 को ओमिक्रोन का सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट माना जा रहा है।

ब्रिटेश हेल्थ अथॉरिटी ने भी ओमिक्रोन के इस नए सब वेरिएंट के सैकड़ों मामलों की पहचान की है। होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के माध्यम से ब्रिटेन में अब तक इस नए वेरिएंट के अब तक 426 मामलों की पुष्टि की गई है। वहीं आशंका भी जताई गई कि करीब 40 देशों में भी ओमिक्रोन के इस नए सब-वेरिएंट का पता चला है।

ओमिक्रोन के बीए.2 वैरिएंट का सबसे पहला मामला 6 दिसंबर 2021 को दर्ज किया गया था। उस वक्त सबसे अधिक केस 146 ब्रिटेन के लंदन से सामने आए थे। वहीं लगभग 40 देशों में इसका पता चला है। डेनमार्क में इसके सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि बीए.2 ओमिक्रोन से ज्यादा घातक है या नहीं। यूकेएचएसए के मुताबिक ओमिक्रोन की तुलना में यह नया वेरिएंट रफ्तार पकड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बीए.2 का कोई खास म्यूटेशन नहीं है। इसकी वजह से इसे डेल्टा वेरिएंट से अलग किया जा सकता है।

इस बीच जॉन हॉपकिन्स में विषाणु विज्ञानी ब्रायन जेले ने आशंका जताई है कि ओमिक्रोन का सब वेरिएंट बीए.2 फ्रांस और डेनमार्क के बाहर पूरे यूरोप व उत्तरी अमेरिका में महामारी बढ़ाने में सहभागी बन सकता है। वहीं भारत में भी ओमिक्रोन सब-वेरिएंट के 530 सैंपल्स रिपोर्ट किए गए हैं इसके बाद स्वीडन में 181 और सिंगापुर में 127 मामले सामने आए हैं।

नए वेरिएंट का कैसे लगाएं पता

इस नए वेरिएंट को लेकर लोगों के मन में बहुत से सवाल उठ रहे होंगे कि इसका पता कैसे लगाया जा सकता है। इस जवाब का सवाल है कि इसे केवल जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से ही पता लगाया जा सकता है। यह ओमिक्रोन वेरिएंट के उप-वंश में से एक का निर्माण करता है। इसे अब तीन उप प्रकारों में बांटा गया है। बीए.1, बीए.2 और बीए.3 डब्ल्यूएचओ के अनुसार बीए.1 और बीए.3 के स्पाइक प्रोटीन में 69 से 70 डिलेशन हैं, जबकि बीए.2 में नहीं है।

 

 

 

 

 

 

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