यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिकी संसद को वर्चुअली संबोधित करते हुए दूसरे विश्वयुद्ध का जिक्र किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने संबोधन में जेलेंस्की ने अमेरिका से सीधे मदद करने की गुहार लगाई और कहा कि यूक्रेन को इस वक्त अमेरिका की जरूरत है। जेलेंस्की ने इस दौरान अमेरिका को पर्ल हार्बर और 11 सितंबर 2001 (9/11) हमलों की भी याद दिलाई।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "अमेरिका का एक महान इतिहास रहा है। आपके इतिहास में ऐसे पन्ने रहे हैं, जिनसे आप यूक्रेन के अभी के हालात समझ सकते हैं। हमें आपकी जरूरत है।" उन्होंने कहा, "आप पर्ल हार्बर को याद कीजिए। 7 दिसंबर 1941 की वो डरावनी सुबह, जब आपका आसमान दुश्मन के विमानों के हमले की वजह से काला हो गया था। कृपया उसे याद करें। याद करें 11 सितंबर 2001 के उस डरावने दिन को, जब बुरी ताकतों ने अमेरिका के शहरों को युद्ध का मैदान बनाने की कोशिश की, जब मासूम लोगों पर हवाई हमले हुए। जैसे किसी को उम्मीद नहीं थी और आप उन्हें रोक नहीं पाए। हमारा देश भी इस वक्त वैसे ही कुछ अनुभवों से गुजर रहा है।"
अमेरिकी संसद भवन परिसर में सीधे प्रसारण वाले अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका को रूसी सांसदों पर अवश्य ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए और रूस से आयात रोक देना चाहिए। साथ ही,उन्होंने अपने देश में युद्ध से हुई तबाही और विनाश का एक मार्मिक वीडियो सांसदों से खचाखच भरे एक सभागार में दिखाया।
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हमे अब आपकी जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे और अधिक (मदद करने) की अपील करता हूं।’’ उन्होंने रूसियों पर और अधिक आर्थिक प्रतिबंध लगाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘आय से कहीं अधिक महत्वपूर्ण शांति है।’’ उनके संबोधन के पहले और बाद में सांसदों ने अपनी सीट पर खड़े होकर उनका अभिनंदन किया।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 21वें दिन में पहुंच चुका है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की ओर से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बाद रूस युद्ध रोकने को तैयार नहीं है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की युद्ध रोकने के लिए प्रयास करते दिख रहे हैं। इसी कड़ी में यूक्रेन ने ऐलान किया है कि वह नाटो में शामिल नहीं होगा। माना जा रहा है कि इस ऐलान से रूस के तेवर नरम हो सकते हैं क्योंकि नाटो का मुद्दा युद्ध के बड़े कारणों में से एक है।