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मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का होगा कोरोना टेस्ट, मरीज को उठाना होगा खर्च

स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले मैक्स हेल्थकेयर ने कहा है कि वह अपने 24,000 कर्मचारियों और आईपीडी...
मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का होगा कोरोना टेस्ट, मरीज को उठाना होगा खर्च

स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले मैक्स हेल्थकेयर ने कहा है कि वह अपने 24,000 कर्मचारियों और आईपीडी मरीजों का कोविड-19 का टेस्ट कराएगा, जिससे स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यानी अब मैक्स के किसी भी अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी आईपीडी मरीजों के सैंपल लिए जाएंगे और इनकी कोरोना जांच की जाएगी। यह कदम ऐसे वक़्त उठाया गया है जब दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल के तीन मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें एक डॉक्टर, एक नर्स और एक सपोर्ट ड्यूटी का स्टाफ शामिल हैं। वहीं वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल में भी एक डॉक्टर कोविड19 से संक्रमित पाया गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने यह फैसला लिया है। हालांकि भर्ती होने मरीज को ही कोविड-19 के टेस्ट का खर्च उठाना होगा।

मरीजों को देना होगा जांच शुल्क

मैक्स प्रबंधन की ओर से बताया गया कि वे अपने डॉक्टर और कर्मचारियों की कोरोना जांच का खर्च खुद उठाएंगे। जबकि आम मरीजों को इसका शुल्क देना होगा। वहीं ईडब्ल्यूएस या बीपीएल को इसमें नियमानुसार छूट मिलेगी। मैक्स हेल्थकेयर की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि हमारे सभी हेल्थकेयर वर्कर्स और मरीजों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे हॉस्पिटल में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर है। इसीलिए हम ये सुनिश्चित करेंगे कि हमारे हेल्थकेयर वर्कर्स और मरीज सुरक्षित रहें। इसके लिए हम एक्सटेंसिव टेस्टिंग प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं और बार-बार स्क्रीनिंग कर रहे हैं। सभी हेल्थकेयर वर्कर्स को अलग-अलग फेज में टेस्ट किया जा रहा है। वहीं जितने भी मरीज यहां एडमिट हैं, उनका भी कोविड-19 का टेस्ट किया जा रहा है। साथ ही जितने नए मरीज आ रहे हैं उनकी भी जांच की जा रही है।

मैक्स हेल्थकेयर के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुधिराजा ने कहा, "भर्ती होने वाले मरीजों का भी पहले परीक्षण किया जाएगा। हम अपने सभी कर्मचारियों और रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, परीक्षणों में भर्ती मरीजों और नए रोगियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, उसके बाद फ्रंट लाइन हेल्थवर्कर, फिर डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी होंगे।" उन्होंने कहा कि पूल परीक्षण का इस्तेमाल कर्मचारियों के लिए किया जाएगा, जबकि अस्पताल में भर्ती सभी रोगियों के लिए इंडिविजुअल आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाएगा।


कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने तक मरीज का कैसे होगा इलाज?

इस सवाल के जवाब में मैक्स से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि खासतौर पर आपात चिकित्सा की ज़रूरत वाले मरीजों को कोई दिक्कत नहीं आए इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। जब तक कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट न आ जाए तब तक सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखते हुए मरीज का इलाज किया जाएगा। इस एहतियाती कदम से मरीज और हेल्थवर्कर दोनों सुरक्षित रहेंगे।

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