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गाड़ी चलाते वक्त 70 प्रतिशत लोगों में स्मार्टफोन इस्तेमाल की प्रवृत्ति खतरनाक

गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल की प्रवृत्ति इन दिनों तेजी से बढ़ी है। इस प्रवृत्ति से न सिर्फ फोन इस्तेमाल करने वालों की जान को खतरा रहता है बल्कि दूसरे लोग भी बेवजह काल के ग्रास बन जाते हैं। गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बचने के लिए चलाई गई मुहिम के तहत एक सर्वे से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
गाड़ी चलाते वक्त 70 प्रतिशत लोगों में स्मार्टफोन इस्तेमाल की  प्रवृत्ति खतरनाक

ज्यादातर लोग गाड़ी चलाते हुए किसी न किसी वक्त स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। एक शोध से पता चला है कि स्मार्टफोन का इस्तेमाल सिर्फ फोन कॉल्स करने या रिसीव करने तक ही सीमित नहीं है क्योंकि कुछ लोग गाड़ी चलाते वक्त सेल्फी लेने से भी परहेज नहीं करते।

अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी एटीएंडटी के अध्ययन में पाया गया है कि 70 प्रतिशत ड्राइवर गाड़ी चलाते वक्त ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। GeekWire.com की रिपोर्ट के मुताबिक, गाड़ी चलाते वक्त लोग टेक्टिंग (61 प्रतिशत) और ईमेलिंग (33 प्रतिशत) का अभी भी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अब लोग इस दौरान फेसबुक (27 प्रतिशत), ट्विटर (14 प्रतिशत), इंस्टाग्राम (14 प्रतिशत) और स्नैपचैट (11 प्रतिशत) का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। शोध में शामिल 17 प्रतिशत लोगों ने यह भी माना कि वे गाड़ी चलाते वक्त सेल्फी का भी इस्तेमाल करते हैं जबकि 10 प्रतिशत लोग इस दौरान वीडियो चैट भी करने लगे हैं।

तकरीबन 62 प्रतिशत लोग गाड़ी चलाते वक्त अपने स्मार्ट फोन को अपनी सुलभ पहुंच दायरे में ही रखते हैं जबकि 30 प्रतिशत लोग गाड़ी चलाते वक्त हमेशा ट्विटर पर पोस्ट करते रहते हैं। लगभग 22 प्रतिशत लोग गाड़ी चलाते वक्त सोशल नेटवर्क्स साइट का इस्तेमाल लत की तरह करते हैं। वीडियो शूट करने वालों में से 27 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे गाड़ी चलाते वक्त भी सुरक्षित तरीके ऐसा कारनामा कर सकते हैं। ब्राउन रिसर्च द्वारा कराए गए अध्ययन में 2067 ऐसे  भागीदारों ने हिस्सा लिया जिनके पास स्मार्टफोन थे और जो दिन में कम से कम एक बार गाड़ी चलाते थे। यह शोध एटीएंडटी की ‘इट कैन वेट’ मुहिम का ही हिस्सा था जिसके तहत लोगों को गाड़ी चलाते वक्त अपने स्मार्टफोन बंद रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। एटीएंडटी के ग्लोबल मार्केटिंग अधिकारी लोरी ली ने बयान जारी कर कहा कि पांच साल पहले जब हमने ‘इट कैन वेट’ मुहिम शुरू की थी तो हमने लोगों से अपील की थी कि कोई भी टेक्‍स्ट जिंदगी से ज्यादा कीमती नहीं होता। यही बात गाड़ी चलाते वक्त स्मार्टफोन के अन्य इस्तेमाल पर भी लागू होती है। अपने और अपने आसपास लोगों की सुरक्षा के लिए कृपया अपनी आंखें सड़क पर ही गड़ाएं, अपने फोन पर नहीं।

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