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जम्मू-कश्मीर की आवाम किस पर होगी मेहरबान? शुरुआती रुझानों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन को मिली बढ़त

जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी और किसे मिलेगी हार? बस कुछ देर में तस्वीर साफ होने वाली है।...
जम्मू-कश्मीर की आवाम किस पर होगी मेहरबान? शुरुआती रुझानों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन को मिली बढ़त

जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी और किसे मिलेगी हार? बस कुछ देर में तस्वीर साफ होने वाली है। जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है और इसके साथ ही रुझान भी आने शुरू हो गए हैं। 

शुरुआती रुझानों में एनसी कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा को पीछे छोड़ते हुए बहुमत के आंकड़े को छू लिया है। हालांकि, अभी यह शुरुआती रुझान हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई।

रुझानों पर एक नजर

• चुनाव आयोग के अनुसार, लगभग सीटों पर सामने आए शुरुआती रुझानों में एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने बंपर बढ़त बना ली है। बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस 39 सीटों पर और कांग्रेस 8 सीटों पर आगे है। जबकि, भाजपा 28 सीटों पर आगे है।

काउंटिंग में पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी। इसके बाद ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के डाले गए वोटों की गिनती होगी। हालांकि, फाइनल नतीजों की तस्वीर दोपहर बाद ही साफ होगी। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी गठबंधन और भाजपा के बीच टक्कर देखने को मिल रही है। वोटिंग के लिए जम्मू-कश्मीर के सभी 20 मतगणना केंद्रों और जिला मुख्यालयों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बता दें कि साल 2019 में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बढ़त मिलने का अनुमान है। जानते हैं जम्मू-कश्मीर में जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा?

- सुबह साढ़े आठ बजे तक के आंकड़ों की बात करें तो जम्मू कश्मीर में भाजपा 13 सीटों पर, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस 10  सीटों पर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 2 सीट पर और अन्य  2 सीट पर आगे हैं। 

'लोगों के फैसले का सम्मान किया जाएगा'

अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणामों पर कहा, "मेरा विजन कश्मीर के लिए ये है कि मेरे सपनों का कश्मीर बनें जहां शांति हो, सब मिलकर रहें, लोगों की सुनीं जाए। हमने अपनी कैंपेन चलाई। इन्हें साढ़े पांच साल मिले हमें कैंपेन के लिए 10-12 दिन मिले। लोगों का फैसला स्वीकार होगा। लोगों के फैसले का सम्मान किया जाएगा..."।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर को लेकर आए अधिकतर एग्जिट पोल ने जम्मू-कश्मीर में खंडित जनादेश का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि, ज्यादातर एग्जिट पोल्स के रिजल्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को बढ़त मिलने की संभावना भी जताई गई है। कुछ एग्जिट पोल ने इस गठबंधन को बहुमत के करीब दिखाया है।

चुनाव रिजल्ट से पहले ही जीत का दावा

कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को भरोसा है कि उनकी सरकार बनेगी। सभी पार्टियों ने केंद्र शासित प्रदेश में अगली सरकार बनाने का विश्वास जताया।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था। गठबंधन ने दावा किया कि वे अपने दम पर 90 सदस्यीय सदन में 46 का जादुई आंकड़ा पार कर लेंगे। वहीं, भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों पर निर्भर है और पीडीपी ने कहा कि उसके समर्थन के बिना जम्मू-कश्मीर में कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार संभव नहीं है।

भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रवींद्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी 35 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। उन्होंने कहा कि निर्दलीय और समान विचारधारा वाले दलों की मदद से भाजपा बहुमत का आंकड़ा पार कर जाएगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सात जिलों में 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि लोकसभा चुनावों में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत था। दूसरे चरण में छह जिलों में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि लोकसभा चुनाव में 52.17 प्रतिशत मतदान हुआ था।

वहीं, जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण में 69.69 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया। केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुल 63.88 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। आयोग ने बताया कि कुल मिलाकर मतदान केंद्रों पर 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि लोकसभा चुनाव में 58.58 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 65 फीसदी मतदान हुआ था। उस वक्त पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। भारतीय जनता पार्टी 25 सीटें जीतकर पीडीपी के बाद दूसरे नंबर पर रही थी। फारुक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को दो सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, सीपीआईएम के खाते में एक सीट आई थी।

 

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