पिछले कुछ वर्षों से यह अखबार अंदरूनी उथल-पुथल की वजह से काफी चर्चा में रहा है। अब अखबार की प्रकाशक कंपनी कस्तूरी एंड संस लिमिटेड ने कर्मचारियों के सामने वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम रखी है।
कंपनी ने कहा है कि चालीस साल से ज़्यादा उम्र के कर्मचारी इस योजना को अपना सकते हैं। लेकिन जरूरी है कि कर्मचारी ने कंपनी में दस साल बिताये हों। कंपनी ने कहा है कि कर्मचारियों को वॉलियंटरी रिटायरमेंट लेने पर कर्मचारियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। हाल के दौर में दूसरी मीडिया कंपनियों ने भी तरह-तरह के बहानों से छंटनी की प्रक्रिया को अपनाया है। लेकिन द हिंदू के इतिहास में यह इस तरह की पहली घटना है।
स्कीम में चालीस साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों के रिटायरमेंट की बात कही गई है, इससे यह पता चलता है कि भारतीय मीडिया इंडस्ट्री जिस तरह कम उम्र, कम अनुभव और कम पैसे में काम चलाना चाहती है, द हिंदू भी इसका अपवाद नहीं है। अगर इस तरह की नीतियों का दबाव रहता है तो अखबार की गुणवत्ता और साख पर असर पड़ सकता है।