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परेश रावल ने मेजर उन्नीकृष्णन के बारे में किया गलत ट्वीट, घिरने पर मांगी माफी

बाद में परेश रावल ने अपनी गलती भी मान ली और कहा कि एक शब्द 'NOT' गलती से लिख दिया गया था लेकिन जो फजीहत होनी थी, वह तो हो ही गई।
परेश रावल ने मेजर उन्नीकृष्णन के बारे में किया गलत ट्वीट, घिरने पर मांगी माफी

भाजपा सांसद परेश रावल एक बार फिर अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं। पिछली बार उन्होंने लेखिका अरुंधती रॉय के बारे में टिप्पणी की थी और इसके लिए उन्होंने एक फेक न्यूज फैलाने वाली वेबसाइट का सहारा लिया था। इस बार भी लगता है वह किसी फेक स्रोत का शिकार हो गए हैं।
असल में परेश रावल ने ट्वीट कर कहा है कि मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, जो मुंबई ताज हमले में शहीद हुए थे, वे बंग्लौर से थे और उन्हें कर्नाटक सरकार ने 21 तोपों की सलामी नहीं दी थी।'

यह बात परेश रावल ने उस आकलन पर निशाना साधने के चक्कर में कही, जिसमें कहा जा रहा था कि कर्नाटक सरकार ने पत्रकार गौरी लंकेश का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया है।

क्या है सच्चाई?

असल में 31 साल के मेजर उन्नीकृष्णन का 29 नवंबर, 2008 को पूरे राजकीय सम्मान और 21 तोपों की सलामी के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। परेश रावल को यह भी ध्यान नहीं रहा कि जिस पार्टी से वह सांसद हैं, राज्य में तब उन्हीं की पार्टी भाजपा की सरकार थी। बी. एस. येद्युरप्पा तब मुख्यमंत्री थे।

बाद में परेश रावल ने अपनी गलती भी मान ली और कहा कि एक शब्द NOT गलती से लिख दिया गया था लेकिन उनकी फजीहत जो होनी थी, वह तो हो ही गई।

परेश रावल के इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की।

<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">Infact people joining BJP has no creadibility and they r all shameless</p>&mdash; Girish (@GWaradkar) <a href="https://twitter.com/GWaradkar/status/906838389479145482">September 10, 2017</a></blockquote>
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<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">why he has I&#39;d with sir...shows his mentality, gud gobar hai ye...no doubt a great actor with no sense</p>&mdash; Ajay Srivastava (@Ajeyalways) <a href="https://twitter.com/Ajeyalways/status/906831664214573056">September 10, 2017</a></blockquote>
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<blockquote class="twitter-tweet" data-lang="en"><p lang="en" dir="ltr">A high class actor and a low class propagandist, that&#39;s what he has become.</p>&mdash; Ankur Tandon (@tweet_me_80) <a href="https://twitter.com/tweet_me_80/status/906833058438930433">September 10, 2017</a></blockquote>
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क्या है गौरी लंकेश को राजकीय सम्मान दिए जाने की सच्चाई?

वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि गौरी लंकेश का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नहीं किया गया। शव पर तिरंगा भी नहीं लपेटा गया। सिर्फ पुलिस की तरफ से सैल्यूट किया गया क्योंकि वह एक सम्मानित पत्रकार थीं। ऐसा उनके काम की वजह से किया गया ना कि उनकी विचारधारा की वजह से।

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