वाकया यूं है कि बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी द्वारा टि्वटर पर राष्ट्रीय शिक्ष नीति को लेकर स्मृति ईरानी को ‘डियर’ कहकर संबोधित करने के विवाद के दौरान एक फॉलोअर सरल पटेल ने भी स्मृति ईरानी को लेकर ट्वीट किया था। सरल ने लिखा था कि अगर आप कॉलेज गई होतीं तो आपको पता होता कि लोगों को डियर कहकर संबोधित करना आम चलन है। अंग्रेजी में लिखी गई इस पंक्ति में व्याकरण की अशुद्धि थी और स्मृति ने तुरंत इसपर ट्वीट करते हुए लिखा, ग्रामर ठीक करो बेटा। इस ट्वीट के बाद सरल पटेल ने अपने टि्वटर हैंडल का नाम ही ‘बेटा सरल’ कर दिया था।
हालांकि दो दिन बाद सरल पटेल को केंद्रीय मंत्री से बदला चुकाने का मौका मिल गया। वाकया यूं हुआ कि स्मृति ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के साथ की तस्वीर टि्वटर पर पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री रामनाईक जी के साथ बात करते हुए।’ इसमें राज्यपाल या अंग्रेजी में कहें गवर्नर की स्पेलिंग गलत लिखी थी। बस सरल पटेल को मौका मिल गया और उन्होंने तुरंत ट्वीट किया, ‘स्पेलिंग ठीक करो आंटीजी।’ नीचे उन्होंने यह भी लिख दिया, ‘आपका बेटा।’ जाहिर है कि झेंपने की बारी अब केंद्रीय मंत्री की थी।
इसके बाद से सरल पटेल ने इसे टि्वटर पर खूब उछाला। उन्होंने लिखा, ‘इसे कहते हैं, हैशटैगपोएटिक जस्टिस। एक दिन पहले उन्होंने मुझे कहा, ग्रामर ठीक करो बेटा और अब खुद गवर्नर गलत लिखा है। हे आदरणीय माता स्पेलिंग ठीक करिये।’
इसके बाद टि्वटर पर जमकर स्मृति का मजाक बना। जब स्मृति को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने पुराना ट्वीट हटाकर नया डाला जिसमें स्पेलिंग ठीक थी। इस पर विनय डोकानिया ने ट्वीट किया कि स्मृति ईरानी को गवर्नर की स्पेलिंग सीखने में एक घंटा 18 मिनट लग गया।