शनिवार को धरने का दूसरा दिन रहा। बिना वेतन के मीडियाकर्मी अब काम करने को तैयार नहीं। इनका कहना है कि इनकी सिर्फ दो मांगे हैं। पहली मांग है कि समय पर तयशुदा तारीख पर वेतन मिले दूसरा बीते छह महीने का बकाया दिया जाए। हालांकि सहाराकर्मियों का कहना है कि प्रबंधन रोज नए-नए प्रलोभन दे रहा है लेकिन अब वे उनकी बातों पर यकीन नहीं करेंगे और अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे। आंदोलनकारियों ने प्रबंधन द्वारा दिए गए खाद्य पदार्थ तक लेने से मना कर दिया।
गौरतलब है कि सुब्रत राय के जेल जाने के बाद इस ग्रुप की हालत लगातार गिरती जा रही है। काफी समय से प्रबंधन और सहारा कर्मियों में आए दिन वेतन को लेकर विवाद होता चला आ है।