मशहूर पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर का बुधवार को कोरोना संक्रमण के चलते मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। बता दें कि 60 वर्षीय सिकंदर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। एक माह पहले गुर्दे के इलाज के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन सफल रहा, लेकिन इस बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके कारण उनकी मौत हो गई।
पटियाला संगीत घराने से ताल्लुक रखते सिकंदर फतेहगढ़ साहिब जिले के गांव खेड़ी नौध सिंह में 1961 में जन्मे थे। सरदूल के पिता स्वर्गीय सागर मस्ताना एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने एक खास किस्म के तबले का आविष्कार किया था, जो एक पतली बांस की छड़ी से बजाया जाता था।
सरदूल सिकंदर ने अपने कॅरियर की शुरुआत मिमिक्री से की थी। 1980 में अपनी परिचयात्मक एलबम 'रोडवेज दी लॉरी' के साथ रेडियो और टेलीविजन की दुनिया में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज करवाई थी। उन्होंने कुछ पंजाबी भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया है, जिनमें से 'जग्गा डाकू' बेहद मशहूर फिल्म रही है। 1991 में आई एल्बम 'हुस्नां दे मल्को' की दुनियाभर में 70 लाख से ज्यादा कॉपियां बिकी। इसके बाद अब तक पंजाबी भाषा के लोक गीत से जुड़े।
सरदूल की शादी पंजाबी गायिका और अभिनेत्री अमर नूरी से हुई थी। हाल ही में 30 जनवरी को गायक सरदूल सिकंदर और अमर नूरी ने अपनी शादी की 28वीं सालगिरह मनाई थी। अमर नूरी ने अपने फेसबुक पेज पर कई तस्वीरें डालकर सिकंदर के स्वास्थ्य की कामना करते हुए लिखा था, नित्त खैर मंगा सोहनेया मैं तेरी, दुआ ना कोई होर मंगदी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर सरदूल सिकंदर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट किया कि महान पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ।