धरती से करीब 3.85 लाख किलोमीटर दूर चांद पर चीन रोबोट स्टेशन स्थ्ाापित करने की योजना बना रहा है। इसका मकसद पृथ्वी के एकमात्र उपग्रह के भूगोल पर बड़ा और व्यापक प्रयोगात्मक अनुसंधान करना है। पीकिंग विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर जिआओ वीशिन ने बताया कि इस स्टेशन से पृथ्वी पर पत्थरों के नमूने लाने की लागत घट सकती है।
उन्होंने बताया कि एक सतत रोबोट स्टेशन चंद्रमा के भूगोल के अध्ययन को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। उसके पास चंद्रमा पर भेजे गए रोवरों की तुलना में बेहतर ऊर्जा दक्षता होगी, क्योंकि स्टेशन एक बहुत बड़ा सौर ऊर्जा जनरेटर तैनात कर सकता है। शंघाई में एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में योजना के बारे में घोषणा करने वाले अंतरिक्ष अधिकारियों के हवाले से सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने खबर दी है कि इस स्टेशन से बड़े अाैर जटिल अनुसंधान किए जा सकते हैं।
चीन के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम में कई मानव मिशन, स्थायी अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण और मंगल ग्रह तक पहुंचना आदि शामिल हैं। अगले साल चीन की योजना चांद के उस हिस्से पर चांग ई-4 यान को भेजने की है जो हमें नहीं दिखता। अगर सब ठीक रहा तो चीन ऐसा करने वाला पहला देश होगा। वह चांद के सुदूर हिस्सों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इसके दोनों ध्रुवों पर रोबोट भेजने की योजना भी बना रहा है। अगले साल ही चीन चांग ई-5 मिशन को भी प्रक्षेपित कर सकता है। इससे चीन के त्रिस्तरीय (कक्षा में चक्कर लगाने, उतरने और वापस लौटने) चंद्र खोज कार्यक्रम का अंतिम अध्याय लिखा जा सकेगा। अंतिम चरण में रोवर को चांद पर उतारना और फिर धरती पर इसकी वापसी कराना शामिल है।