यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा के प्रोफेसर जॉन फॉथ समेत अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक दल ने पाया है कि हवाई और कैरेबियाई क्षेत्र की प्रसिद्ध प्रवाल भित्तियों के आसपास जल में काफी मात्रा में ऑक्सीबेंजोन है। अॉक्सीबेंजोन सनस्क्रीन में पाया जाता है।
यह रसायन न सिर्फ प्रवाल को खत्म करता है बल्कि उसके डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है और उसे खराब कर देता है जिससे वे ठीक से विकसित नहीं हो पाते हैं।
ऑक्सीबेंजोन उन प्रवालों पर अधिक मात्रा में पाया गया जो पर्यटकों में अधिक लोकप्रिय हैं। पर्यटक जब यहां घूमने आते हैं तब वे अपने शरीर पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। यही सनस्क्रीन प्रवाल को नुकसान पहुंचाता है। अनुसंधानकर्ता और वर्जिनिया स्थित एक गैर लाभकारी वैज्ञानिक संगठन हेराटिक्स एनवायरमेंटल लैबोरेटरी के कार्यकारी निदेशक और अनुसंधानकर्ता क्रेग डॉन्स ने दल का नेतृत्व किया।
वैज्ञानिकों ने खुद जल में जाकर नमूने प्राप्त किए। उन्होंने इस दौरान कोई व्यक्तिगत हाइजिन उत्पाद नहीं पहना हुआ था। डॉन्स ने कहा कि ऑक्सीबेंजोन युक्त उत्पादों के द्वीपों और ऐसे क्षेत्र में उपयोग को गंभीरता से लेने की जरूरत हैं जहां प्रवाल भित्ति संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यह अध्ययन आर्काइव्स ऑफ एनवायरमेंटल कान्टेमिनेशन एंड टॉक्सीक्लॉजी जरनल में हुआ है।