कांग्रेस ने सोमवार को महाराष्ट्र में भाजपा नीत महायुति सरकार पर अपने चुनाव अभियान में जानबूझकर "घृणा और जहर" भरने तथा "राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने" का प्रयास करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इस अभियान से भाजपा की "बीमार मानसिकता" उजागर हुई है।
रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के अभियान का एक ही एजेंडा है। यह केवल और केवल समाज को धर्म के आधार पर ध्रुवीकृत करना और राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना है। ऐसा भयानक अभियान उनकी बीमार मानसिकता को दर्शाता है।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "यह अभियान नफरत से भरा है और जानबूझकर जहर घोला जा रहा है। लेकिन महाराष्ट्र की जनता 20 नवंबर को इस तरह के अभियान को निर्णायक रूप से खारिज कर देगी।"
रमेश ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) महाराष्ट्र में लोगों की रोजमर्रा की चिंता के बुनियादी मुद्दों पर प्रचार कर रही है, जैसे कि किसानों और महिलाओं की गंभीर परेशानी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और श्रमिकों के बीच असुरक्षा।
उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए नौकरियों की कमी, जल संकट, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए अपर्याप्त सामाजिक न्याय और बड़ी निवेश परियोजनाओं में महाराष्ट्र के खिलाफ भेदभाव भी गठबंधन के एजेंडे में शीर्ष पर हैं।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे, जिसमें सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन - जिसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं - एमवीए के खिलाफ चुनाव लड़ेगा, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) शामिल हैं।
मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।