केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को घोषणा की कि अगर झारखंड में भाजपा की सरकार बनती है तो घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर निकालने के अलावा उनके द्वारा हड़पी गई जमीन को वापस लेने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
शाह ने कहा कि इसके अलावा, आदिवासी महिलाओं से शादी करने पर घुसपैठियों को जमीन के हस्तांतरण को रोकने के लिए एक कानून लाया जाएगा। उन्होंने झामुमो नीत सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
सरायकेला में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, "झारखंड में आदिवासियों की आबादी घट रही है। घुसपैठिए हमारी बेटियों से शादी करके जमीन हड़प रहे हैं। अगर घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करते हैं तो हम उन्हें जमीन हस्तांतरित करने से रोकने के लिए कानून लाएंगे। हम घुसपैठियों की पहचान करने, उन्हें बाहर निकालने और उनके द्वारा हड़पी गई जमीन वापस लेने के लिए एक समिति भी बनाएंगे।"
उन्होंने दावा किया कि जब चंपई सोरेन ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया तो उनका अपमान किया गया और हेमंत सोरेन ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।
झामुमो-कांग्रेस और राजद नेताओं पर केवल व्यक्तिगत विकास के लिए काम करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "झारखंड में अगर भाजपा की सरकार बनती है तो झामुमो नीत गठबंधन के भ्रष्ट नेताओं को सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।"
शाह ने आरोप लगाया कि झामुमो नीत सरकार 1,000 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले, 300 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले, 1,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले और करोड़ों रुपये के शराब घोटाले के पीछे थी तथा उसने केंद्र द्वारा भेजे गए 3.90 लाख करोड़ रुपये खा लिए।
उन्होंने वादा किया कि राज्य में भाजपा सरकार के सत्ता में आने पर वह यह सुनिश्चित करेगी कि यदि केंद्र एक रुपया भेजे तो राज्य उसमें 25 पैसे और जोड़ दे ताकि लोगों तक 1.25 रुपये पहुंचें।