शिवसेना नेता संजय राउत ने व्यंग्यकार कुणाल कामरा के लिए विशेष सुरक्षा की मांग की, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए खार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ तीन और मामले दर्ज किए गए।
संजय राउत ने कहा कि जिस तरह भारतीय जनता पार्टी की सांसद कंगना रनौत को शिवसेना के साथ "दरार" के बाद सुरक्षा दी गई थी, उसी तरह कामरा को भी प्रदान की जानी चाहिए।
राउत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "मैं यह भी मांग करता हूं कि महाराष्ट्र सरकार कुणाल कामरा को विशेष सुरक्षा प्रदान करे। कंगना रनौत को भी उनकी सुरक्षा के लिए विशेष बल प्रदान किया गया था, जब उनका हमारे साथ मतभेद था।"
इस बीच स्टैंड-अप आर्टिस्ट के खिलाफ 3 और शिकायतें दर्ज की गई हैं। मुंबई पुलिस के मुताबिक कुणाल कामरा के खिलाफ एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर ने दर्ज कराई है, जबकि अन्य दो शिकायतें नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक व्यवसायी की ओर से आई हैं।
27 मार्च को मुंबई पुलिस ने कॉमेडियन को मामले में आगे की पूछताछ के लिए 31 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कहा था। शिवसेना विधायक मुरजी पटेल द्वारा खार पुलिस स्टेशन में दर्ज कराए गए मामले में कामरा को जारी किया गया यह तीसरा समन है। वह पहले दो समन में पुलिस के सामने पेश होने में विफल रहे हैं।
शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने कुणाल कामरा को उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के संबंध में अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने शर्तों के साथ 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत का आदेश दिया।
कुणाल कामरा ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और दावा किया था कि हालिया व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के बाद उन्हें कई धमकियां मिल रही हैं।
इससे पहले गुरुवार को कुणाल कामरा ने मुख्यधारा के मीडिया की आलोचना करते हुए उस पर सत्तारूढ़ पार्टी के मुखपत्र के रूप में काम करने का आरोप लगाया था।
कामरा ने मीडिया को "गिद्ध" करार दिया तथा गलत सूचना फैलाने और ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने में मीडिया की भूमिका के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की।
कामरा ने कथित तौर पर एकनाथ शिंदे को निशाना बनाकर "गद्दार" का मज़ाक उड़ाया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। कई राजनीतिक नेताओं ने उनकी टिप्पणी की निंदा की और उनके खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की।