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आमरण अनशन के चौथे दिन प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव से मांगा समर्थन

बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत...
आमरण अनशन के चौथे दिन प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव से मांगा समर्थन

बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से समर्थन मांगा।

अपने 'आमरण अनशन' के चौथे दिन संवाददाताओं से बात करते हुए किशोर ने यह भी कहा कि वह इन नेताओं का अनुसरण करने के लिए तैयार हैं और यदि वे उनकी उपस्थिति के खिलाफ हैं तो वह 'वापस जाने' के लिए भी तैयार हैं।

किशोर ने कहा, "मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि यह आंदोलन गैर-राजनीतिक है और मेरी पार्टी के बैनर तले नहीं चलाया जा रहा है। कल रात युवाओं ने 'युवा सत्याग्रह समिति' (वाईएसएस) नामक 51 सदस्यीय मंच का गठन किया, जो इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगा, जिसमें प्रशांत किशोर सिर्फ एक हिस्सा हैं। समर्थन देने के लिए सभी का स्वागत है, चाहे वह राहुल गांधी हों, जिनके पास 100 सांसद हैं और तेजस्वी यादव जिनके पास 70 से अधिक विधायक हैं।"

उन्होंने कहा, "ये नेता हमसे कहीं बड़े हैं। वे गांधी मैदान में पांच लाख लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं...ऐसा करने का यही सही समय है। युवाओं का भविष्य दांव पर है। हम एक क्रूर शासन का सामना कर रहे हैं, जिसने महज तीन साल में 87 बार लाठीचार्ज का आदेश दिया है।"

उन्होंने कहा, "नवगठित वाईएसएस के 51 सदस्यों में से 42 ने कल रात इस लड़ाई को जारी रखने का फैसला किया। वाईएसएस के सभी सदस्य विभिन्न राजनीतिक संगठनों का हिस्सा हैं। लेकिन अब वे सभी युवाओं और छात्रों के हित के लिए एकजुट होकर लड़ने के लिए एक छतरी के नीचे आ गए हैं। वाईएसएस पूरी तरह से एक गैर-राजनीतिक मंच है। मैं यहां केवल उनका समर्थन करने के लिए हूं... और यह 'आमरण अनशन' जारी रहेगा। 29 दिसंबर को पटना में राज्य पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन कर रहे बीपीएससी उम्मीदवारों पर पानी की बौछारों और लाठीचार्ज का इस्तेमाल लोकतंत्र की हत्या थी।"

अक्सर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाए जाने वाले किशोर ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि किसी भाजपा नेता में उस सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत होगी, जिसका वह हिस्सा है, लेकिन अगर उनमें से कोई भी अंतरात्मा की आवाज पर आगे आता है, तो उसका स्वागत किया जाएगा। राज्य के युवा अक्सर कहते हैं कि राष्ट्रीय चुनावों में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोट करते हैं, किसी और को नहीं। लेकिन मोदी के सत्ता में आने के बाद से बिहार के युवाओं को बदले में कुछ नहीं मिला है।"

विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन का उदाहरण देते हुए किशोर ने कहा, "मोदी सरकार को कई महीनों के बाद झुकना पड़ा। एक दिन नीतीश कुमार सरकार को भी यहां के युवाओं के सामने झुकना पड़ेगा।"

जन सुराज के संस्थापक बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार से आमरण अनशन पर हैं। हालांकि, BPSC ने 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हुए कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था, जो प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों से घिरी हुई थी। शनिवार को यहां 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई।

पटना में 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा हुई। कुल 12,012 उम्मीदवारों में से लगभग 8,111 उम्मीदवारों ने अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए थे। हालांकि, शनिवार को 5,943 छात्र दोबारा परीक्षा में शामिल हुए। बीपीएससी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सभी केंद्रों पर दोबारा परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हुई और किसी तरह की गड़बड़ी की कोई खबर नहीं आई।

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