प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के रामेश्वरम् में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज का उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने 'राम सेतु' के हवाई दृश्य की एक झलक भी साझा की और प्रभु श्रीराम को “हम सभी को जोड़ने वाली एक शक्तिशाली भावना” बताया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर 'राम सेतु' के ऊपर से लिए गए हवाई दृश्य का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “प्रभु श्रीराम हम सभी को जोड़ने वाली एक भावना हैं। आज मुझे रामेश्वरम् के ऊपर से उड़ते हुए पवित्र राम सेतु को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह दृश्य अत्यंत अलौकिक था, जो भारत की संस्कृति, आस्था और गौरव का प्रतीक है।”
इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज का उद्घाटन किया, जो रामेश्वरम् को मुख्य भूमि से जोड़ेगा। यह नया पुल पुरानी 'पम्बन ब्रिज' के स्थान पर बनाया गया है और यह इंजीनियरिंग का एक आधुनिक नमूना है।
यह ब्रिज 2.05 किलोमीटर लंबा है और इसमें वर्टिकल लिफ्ट तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे जब कोई जहाज नीचे से गुजरता है तो पुल को ऊपर उठाया जा सकता है। इससे समुद्री परिवहन और रेलवे यातायात दोनों में सुविधा होगी।
इस परियोजना को लगभग ₹535 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है और यह भारतीय रेलवे की बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है। यह ब्रिज आने वाले वर्षों में रामेश्वरम् की तीर्थयात्रा और पर्यटन को नई ऊंचाई देने में सहायक सिद्ध होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को धार्मिक आस्था और आधुनिक बुनियादी ढांचे के संगम के रूप में देखा जा रहा है। एक ओर जहां उन्होंने श्रीराम की विरासत और राम सेतु की महत्ता को रेखांकित किया, वहीं दूसरी ओर देश के विकास और भविष्य की ओर संकेत करने वाली आधुनिक परियोजना का उद्घाटन भी किया।
रामेश्वरम् न केवल भारत की सांस्कृतिक चेतना का केंद्र है, बल्कि अब यह आधुनिकता और आस्था का संगम बनता जा रहा है, जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं।