छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को अपने नेता भूपेश बघेल और अन्य के परिसरों पर सीबीआई की छापेमारी को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए।
कांग्रेस ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के आवासों पर सीबीआई की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है और वह इस तरह की कार्रवाई से डरने वाली नहीं है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव ऐप घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के आवास पर छापेमारी की।
उन्होंने बताया कि एजेंसी की टीमों ने रायपुर और भिलाई में बघेल के आवासों के साथ-साथ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के घरों पर भी छापेमारी की।
सूत्रों ने बताया कि दुर्ग जिले के भिलाई शहर में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, बघेल के पूर्व राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा (जब वह मुख्यमंत्री थे), आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख और प्रशांत अग्रवाल, राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी संजय ध्रुव सहित अन्य के परिसरों पर भी छापेमारी की गई।
साव ने कहा कि राज्य में पिछली बघेल नीत सरकार के दौरान "कई बड़े घोटाले" हुए, जिनकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है।
उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि जांच की इस कड़ी में सीबीआई ने बुधवार को करीब 50 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें राजनेताओं, आईपीएस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के स्थान भी शामिल हैं।
साव ने कहा, "सीबीआई की कार्रवाई जांच की सतत प्रक्रिया का हिस्सा है।"
उन्होंने कहा, "यह जांच किसी एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द केंद्रित नहीं है, क्योंकि इसके तहत अधिकारी भी शामिल हैं। इस कार्रवाई को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है। कांग्रेस हमेशा ऐसी कार्रवाई को राजनीति से जोड़ती है। जब ये घोटाले हुए, तब मुख्यमंत्री कौन था?"
उन्होंने कहा, "यह उनके (कांग्रेस) कार्यकाल के दौरान हुआ। उन्हें जांच एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग करना चाहिए और डरने की कोई जरूरत नहीं है। ये स्वतंत्र एजेंसियां हैं और वे राजनीति के आधार पर काम नहीं करती हैं।"
सुबह बघेल ने कहा कि कांग्रेस की बैठक के लिए नई दिल्ली जाने से पहले सीबीआई ने उनके आवास पर छापेमारी की।
बघेल के कार्यालय ने 15 अप्रैल को बताया, "अब सीबीआई आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी बैठक के लिए गठित "मसौदा समिति" की बैठक के लिए आज दिल्ली जाने वाले हैं।"
इसमें कहा गया है, "इससे पहले सीबीआई रायपुर और भिलाई स्थित आवासों पर पहुंच चुकी है।"
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दीपक बैज ने दावा किया कि भाजपा ने "असफल छापों और असफल षड्यंत्रों" के बाद बघेल और यादव के पीछे सीबीआई को भेजा। उन्होंने आरोप लगाया, "आज सुबह से सीबीआई हमारे दोनों नेताओं के घरों पर डेरा डाले हुए है, यह सरकार की हताशा के अलावा और कुछ नहीं है।"
उन्होंने कहा, "लेकिन एक बात याद रखें- न कांग्रेस झुकेगी, न कांग्रेस रुकेगी। यह लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं है, बल्कि हर उस सच की है जिसे सत्ता के बल पर कुचलने की कोशिश की जा रही है। भाजपा को याद रखना चाहिए- सत्य झुकता नहीं है, अन्याय का अंत निश्चित है।"
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने भी कार्रवाई की निंदा की और दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियां बघेल को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं।
सिंहदेव ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, "यह केवल भूपेश जी की छवि को धूमिल करने का भाजपा का असफल प्रयास है। राज्य की भाजपा सरकार सरकार चलाने में असमर्थ है, इसलिए वह जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के प्रयास कर रही है।"
उन्होंने दावा किया कि पहले ईडी, फिर सीबीआई, जांच एजेंसियां भाजपा की 'बी' टीम के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्रीय एजेंसी केवल विपक्षी नेताओं को धमकाने और परेशान करने का हथियार बन गई है। भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का उल्लंघन है।"
प्रदेश कांग्रेस संचार शाखा के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने दावा किया कि भाजपा बघेल से डरी हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया, "जब से बघेल पंजाब के पार्टी प्रभारी बने हैं, भाजपा डरी हुई है। पहले उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय भेजा गया और अब सीबीआई भेजी गई है। यह भाजपा के डर को दर्शाता है। जब भाजपा राजनीतिक रूप से लड़ने में विफल हो जाती है, तो वह अपने विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करती है।"
शुक्ला ने कहा, ''न तो भूपेश बघेल और न ही कांग्रेस पार्टी डरी हुई है।'' उन्होंने कहा कि देश और राज्य की जनता भाजपा की इन ''दमनकारी'' नीतियों से अच्छी तरह वाकिफ है।
शुक्ला ने बताया कि इससे पहले भी सीबीआई ने सात साल पुराने कथित सीडी मामले में बघेल के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन अदालत ने हाल ही में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
ईडी ने हाल ही में कथित शराब घोटाला मामले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। राज्य सरकार ने पिछले साल विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कथित महादेव घोटाले से संबंधित 70 मामले और राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सीबीआई को सौंप दिया था।
सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पुलिस के ईओडब्ल्यू से जांच का जिम्मा संभाला है, जिसने पहले अपनी एफआईआर में बघेल, ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल और 14 अन्य को नामजद किया था।
बघेल ने ईओडब्ल्यू की एफआईआर को "राजनीति से प्रेरित" करार दिया था।