राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को अदालती कार्यवाही के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति बी.आर. गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘‘चुप्पी साधने’’ का आरोप लगाया।
तेजस्वी ने कहा, ‘‘यह घटना नफरत और हिंसा के सामान्यीकरण का नतीजा है, जिसे 2014 से सरकारी संरक्षण मिलता रहा है। यह बेहद चिंताजनक है कि देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति को ऐसी अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। यह हमारे लोकतंत्र के इतिहास का शर्मनाक अध्याय है।’’
उन्होंने आगे कहा:"जूता दरअसल सीजेआई पर नहीं, बल्कि पूज्य बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की सोच और संविधान पर फेंका गया है। कुछ कट्टरपंथी लोग धर्म के नाम पर ज़हर घोल रहे हैं। अब ऐसा लग रहा है कि देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है।"
पुलिस के अनुसार, 71 वर्षीय एक वकील ने सीजेआई पर कथित रूप से जूता फेंकने की कोशिश की। उसके पास से एक नोट भी बरामद हुआ, जिसमें लिखा था:"भारत सनातन धर्म के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा।"
तेजस्वी ने भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा:"हमें आश्चर्य है कि संविधान और दलित हितों के विरोध में खड़ी रहने वाली ताकतें इस घटना पर मौन क्यों हैं? न्यायपालिका लोकतंत्र की रीढ़ है, और उसकी गरिमा की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।"