प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को आतंकवाद की तुलना एक सांप से करते हुए कहा कि अगर यह दोबारा अपना फन उठाएगा तो इसे इसके बिल से बाहर खींचकर कुचल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में बैठे पहलगाम हमले के साजिशकर्ताओं के ठिकानों को नष्ट कर दिया है।
बिहार की राजधानी से लगभग 140 किलोमीटर दूर काराकाट में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत के "तरकश में एक तीर मात्र है" और दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई "न तो समाप्त हुई है, न ही रुकी है।"
पिछले महीने मधुबनी जिले में अपनी रैली को याद करते हुए उन्होंने कहा, "पहलगाम में हुए नृशंस हमले के एक दिन बाद मैं बिहार आया था, जहां हमारी कई बहनों ने अपने पतियों को खो दिया था। मैंने वादा किया था कि अपराधियों को ऐसी सजा मिलेगी जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। आज मैं वादा पूरा करके बिहार वापस आया हूं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत की बेटियों की मांग में सिंदूर की ताकत को पाकिस्तान और पूरी दुनिया ने देखा है। आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में सुरक्षित महसूस करते थे। लेकिन हमने उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। हमने पाकिस्तान के एयरबेस और उनके सैन्य प्रतिष्ठानों को भी नष्ट कर दिया। यह नया भारत है और इसकी ताकत सभी देख सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "दुश्मन को यह समझना होगा कि ऑपरेशन सिंदूर "हमारे तरकश में सिर्फ एक तीर था। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध न तो खत्म हुआ है और न ही रुका है। यदि आतंकवाद ने दोबारा अपना फन उठाने की कोशिश की तो उसे उसके बिल से बाहर खींचकर कुचल दिया जाएगा।"
प्रधानमंत्री का यह कथन कुछ विपक्षी दलों की आलोचना की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है कि सरकार ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के दबाव में आकर "युद्धविराम" पर सहमति व्यक्त की।
अपने भाषण में मोदी ने जम्मू-कश्मीर में देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुए सारन जिले के निवासी बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का भी जिक्र किया और उनके बलिदान की तुलना बिहार के जगदीशपुर के महान राजा वीर कुंवर सिंह की वीरता से की, जिन्हें 1857 के विद्रोह के नायकों में से एक माना जाता है।
सीमा सुरक्षा बल की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "बीएसएफ जवानों के लिए मां भारती की सेवा सर्वोच्च रही है।"
रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "हमारी लड़ाई देश के सभी दुश्मनों के खिलाफ है, चाहे वे सीमा पार हों या भीतर। बिहार के लोग हिंसा और अशांति फैलाने वालों के खिलाफ हमारे अभियान के गवाह रहे हैं। ऐसा भी समय था जब लोग सड़कों पर निकलने से डरते थे, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि कब और कहां उनका सामना मास्क पहने और बंदूक लिए नक्सलियों से हो जाएगा। नक्सल प्रभावित गांवों में न तो अस्पताल थे और न ही मोबाइल टावर। स्कूलों में आग लगा दी जाती थी और सड़क निर्माण में लगे लोगों की हत्या कर दी जाती थी। इन लोगों को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में कोई विश्वास नहीं था।"
मोदी ने दावा किया कि 2014 में सत्ता में आने के बाद एनडीए सरकार ने इस समस्या का समाधान करना शुरू किया और माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 125 से घटकर केवल 18 रह गयी है।
उन्होंने कहा, "सरकार सड़कें बना रही है और नौकरियां पैदा कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब माओवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा और शांति, समृद्धि, सुरक्षा और शिक्षा हर गांव तक पहुंच जाएगी।"
मोदी ने बिहार के विकास के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया, जहां नए हवाईअड्डे बनाए जा रहे हैं और मौजूदा हवाईअड्डों का नवीनीकरण किया जा रहा है।
राज्य में भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''जिनके शासन में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ, वे अब सत्ता हथियाने के लिए सामाजिक न्याय का ढोंग कर रहे हैं।'' मोदी ने पूछा, ''दशकों तक लोगों के पास शौचालय नहीं थे, न ही उनके पास बैंक खाते थे। करोड़ों लोगों के पास पक्के घर नहीं थे। क्या यही वह सामाजिक न्याय है जिसकी बात राजद और उसकी सहयोगी कांग्रेस करती है?''
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने कभी भी बिहार के लोगों की पीड़ा की परवाह नहीं की।
प्रधानमंत्री ने दावा किया, "वे विदेशियों के लिए पर्यटन की व्यवस्था करते थे जो यहां की गरीबी देखने में रुचि रखते थे। अब, जब उन्होंने अपने पापों के कारण दलितों और पिछड़े वर्गों का विश्वास खो दिया है, तो वे सामाजिक न्याय कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं।"
मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि बिहार, जहां कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, "राज्य में एनडीए के सत्ता में आने के बाद सामाजिक न्याय की एक नई सुबह देखी गई है।"
उन्होंने कहा, "हमने लोगों को बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान की हैं। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास जारी रखेंगे कि लाभ 100 प्रतिशत लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे।"
इससे पहले दिन में मोदी ने काराकाट में 48,520 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया।