आप नेता और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर कानून व्यवस्था के मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के विशेष उल्लेख को अस्वीकार करने पर चिंता व्यक्त की है।
आतिशी ने दावा किया, "डबल इंजन सरकार विफल हो गई है, इसलिए वह चर्चा नहीं चाहती।"
आतिशी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए सवाल किया कि दिल्ली में बलात्कार और गोलीबारी के मामलों सहित बढ़ते अपराध पर विधानसभा में चर्चा क्यों नहीं की जा रही है।
आतिशी ने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने उन्हें बताया है कि कानून-व्यवस्था से संबंधित पांच आप विधायकों के विशेष उल्लेख अनुरोधों को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया है कि दिल्ली विधानसभा के पास ऐसे मुद्दों पर विचार करने का अधिकार नहीं है।
अपने पत्र में आतिशी ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "अगर दिल्ली में बलात्कार होता है या सड़कों पर गोलियां चलती हैं, तो क्या इस पर विधानसभा में चर्चा नहीं होनी चाहिए?"
उन्होंने तर्क दिया कि विधायकों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करें तथा नागरिकों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं उठाएं। आतिशी ने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा के इतिहास में यह पहली बार है कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दों को खारिज कर दिया गया है।
आतिशी ने सत्तारूढ़ पार्टी के रुख में विरोधाभास की ओर भी इशारा किया और याद दिलाया कि कैसे चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वादा किया था कि "डबल इंजन सरकार" दिल्ली की समस्याओं का समाधान करेगी।
आतिशी ने कहा कि अब चुनाव के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा उन्हीं मुद्दों पर चर्चा बंद कर रही है, जिन पर उसने चर्चा का वादा किया था।
आतिशी ने अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि दिल्ली के निवासियों को प्रभावित करने वाले हर मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा हो, उन्होंने ऐसी बहस की अनुमति देने से इनकार करना लोकतंत्र का अपमान बताया।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बढ़ते अपराध पर चर्चा को रोकने से दिल्ली के लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष (एलओपी) आतिशी ने बुधवार को बजट पर चर्चा नहीं कराने को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर सवाल उठाया और कहा कि उन्होंने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर बजट पर चर्चा के लिए कम से कम दो दिन का समय मांगा है।
सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट पेश करते हुए इसे दिल्ली को निवेश और नवाचार-अनुकूल शहर में बदलने की दिशा में एक "ऐतिहासिक" कदम बताया।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की सभी 14 रिपोर्टें क्यों नहीं पेश की जा रही हैं और उन्होंने अध्यक्ष से शेष 11 रिपोर्टें पेश करने का आग्रह किया।
24 मार्च को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) पर सीएजी रिपोर्ट पेश की और परिचालन संबंधी अक्षमताओं तथा वित्तीय घाटे को उजागर किया, जिसके कारण पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की आलोचना हुई।